चमोली:बीते दिनों जिला पंचायत उपाध्यक्ष लक्ष्मण सिंह रावत की ओर से जिला पंचायत अध्यक्ष पर लगाये गये वित्तीय अनियमितता और कार्यों में उनके पति के हस्तक्षेप के आरोप के पक्ष में भाजपा सदस्य भी खुलकर आगे आ गये हैं. उन्होंने भी मामले की जांच और जिला पंचायत अध्यक्ष को हटाये जाने की मांग शासन से की है. वहीं, मामले में जिला पंचायत अध्यक्ष रजनी भंडारी ने सभी आरोपों को निराधार बताया है और हर जांच के लिए तैयार होने की बात कही है. साथ ही पूर्व कैबिनेट मंत्री राजेन्द्र भंडारी का कहना है कि उनका जिला पंचायत से कोई वास्ता नहीं है.
भंडारी ने कहा कि जिला पंचायत उपाध्यक्ष मौजूदा समय में हमारे किराए के फ्लैट पर रहते हैं, लेकिन उनके द्वारा अभी तक किराया जमा नहीं करवाया गया,जब उनसे किराये की मांग की गई तो वह बेबुनियाद आरोप लगा रहे हैं.
चमोली जिला पंचायत में सियासी घमासान. बता दें कि कुछ दिनों पूर्व जिला पंचायत के उपाध्यक्ष लक्ष्मण सिंह रावत ने जिला पंचायत अध्यक्ष पर नंदादेवी राज जात यात्रा में वित्तीय अनियमितता करने के आरोप लगाया है. साथ ही जिला पंचायत के कार्यों में अध्यक्ष के पति पूर्व काबीना मंत्री राजेंद्र सिंह भंडारी के हस्तक्षेप करने का आरोप लगाया था. जिला पंचायत सदस्य विनोद नेगी ने कहा कि शासन ने मामले में जो जांच की है उस पर जल्द कार्रवाई की जानी चाहिए.
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उन्होंने कहा कि जिला पंचायत एक चुनी हुई संस्था है और शासन के स्पष्ट निर्देश है किसी भी पंचायत में चुने गये प्रतिनिधियों के परिवार के सदस्य पंचायतों के कार्यों में हस्तक्षेप नहीं करेंगे. ऐसे में पूर्व काबीना मंत्री का जिला पंचायत के कार्यों में हस्तक्षेप किया जान उचित नहीं है. उन्होंने एक सवाल के जबाव में कहा कि यदि जिला पंचायत उपाध्यक्ष सदन के अंदर जिला पंचायत अध्यक्ष के प्रति अविश्वास प्रस्ताव लाते है तो वे उनके साथ हैं.
आगे कहा कि यह बात भी स्पष्ट की वर्तमान जिला पंचायत उपाध्यक्ष का भाजपा से कोई संबंध नहीं है और जिला पंचायत के गठन के दौरान उपाध्यक्ष कांग्रेस के साथ थे और कांग्रेस के सहयोग से ही वे निर्विरोध उपाध्यक्ष बने हैं. वहीं मामले पर पत्रकारों से बातचीत करते हुए जिला पंचायत अध्यक्ष रजनी भंडारी ने उनपर लगाए गए सभी आरोपों को बेबुनियाद बताया है. उन्होंने कहा कि जिस नंदादेवी राजजात 2013 में वित्तीय अनियमितता होने की बात की जा रही है, उसकी जांच दो बार हो चुकी है.
जिसमें जांच अधिकारी तत्कालीन दो-दो जिलाधिकारियों ने इसमें उन्हें क्लीन चिट दी है. साथ ही भाजपा के वर्तमान विधायक इस मामले में पांच साल तक न्यायलय में भी केस लड़ चुके हैं. उन्हें इस मामले से बरी किया जा चुका है. उन्होंने कहा कि आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए इस मुद्दे को उठाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि उनके पति पूर्व काबीना मंत्री राजेंद्र भंडारी भाजपा के प्रत्याशी के विरोध में चुनाव मैदान में होंगे. ऐसे में भाजपा को अपनी नाव डूबती हुई नजर आ रही है. जिससे बौखला कर वे इस तरह का षड़यंत्र रच कर उन्हें परेशान करने का कुचक्र चल रही है.
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उन्होंने कहा कि जिला पंचायत को गठित हुए दो साल से अधिक का समय हो गया है. इससे पूर्व कभी भी उन्होंने जिला पंचायत की किसी भी बैठक में कोई आपत्ति दर्ज नहीं की. अब ऐन चुनाव के मौके पर ही क्यों उनको जिला पंचायत में वित्तीय अनियमितता होने की बात याद आ रही है, इससे स्पष्ट है कि भाजपा की सह पर यह सब किया जा रहा है.
इस प्रकरण में पूर्व कैबिनेट मंत्री राजेन्द्र भंडारी का नाम उछाले जाने पर उन्होंने कहा कि जिला पंचायत उपाध्यक्ष पिछले कई सालों से उनके देहरादून स्थित फ्लैट पर किराये पर रह रहे हैं. लेकिन उनकी ओर से किराया आज तक जमा नहीं किया गया है. बीते कुछ दिन पूर्व जब मेरे द्वारा उनसे किरायेनामे पर हस्ताक्षर करने के लिए कहा गया तो वह मुकर गए और षडयंत्र के तहत मेरी छवि को धूमिल करने की मंशा से आडियो रिकॉर्डिंग की गई,जिसमें मेरे द्वारा जिला पंचायत उपाध्यक्ष से किरायेनामे पर हस्ताक्षर करने की ही बात की जा रही है.