चमोली:जोशीमठ विकासखंड के पांडुकेश्वर में विश्वभर में एकमात्र कुबेर जी के मंदिर का जीर्णोंद्धार एवं भूमिपूजन का कार्यक्रम पूरी विधि-विधान से संपन्न हो गया. भूमिपूजन से पूर्व ग्रामीणों ने भगवान बदरीनाथ के शीतकालीन पूजास्थल योगध्यान में उद्दव एवं भगवान बासुदेव मंदिर में पूजा अर्चना की. जिसके बाद नंदा देवी मंदिर में कुबेर, घंटाकर्ण और नंदा के पस्वाओं ने अवतरित होकर कुबेर मंदिर के जीर्णोंद्धार और भूमिपूजन को सफल बनाने का आशीर्वाद दिया.
कुबेर मंदिर का होगा जीर्णोंद्धार बता दें कि पौराणिक कुबेर मंदिर जीर्णशीर्ण हो चुका था. जिसके बाद इस मंदिर के जीर्णोंद्धार बदरीनाथ मंदिर समिति, ग्रामीणों और दानियों की मदद से किया जा रहा था. वहीं, मंगलवार को कुबेर मंदिर जीर्णोंद्वार एवं भूमि पूजन के बाद सायंकाल में गाड़ू घड़ा भी हुआ. कार्यक्रम में गांव की महिला मंगलदल की महिलाओं और युवा मंगल दल के युवाओं द्वारा भजन-कीर्तन का आयोजन भी किया गया.
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जीर्णोंद्वार और भूमिपूजन कार्यक्रम को भव्य बनाने के लिए गांव की कुबेर मंदिर देवरा समिति द्वारा पूर्व में योजना बनाई गई थी. जिसके बाद बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति ने कुबेर मंदिर देवरा समिति को कार्यक्रम स्थल पर 30 लाख का चेक भी दिया. वहीं, मंदिर में लगने वाले सभी नक्कासीदार पत्थर बदरीनाथ के बालक योगेश्वर नाथ महाराज जी द्वारा दिए जाएंगे. साथ इस कार्यक्रम में महाराज घनानंद जी ने सात लाख रुपए दान दिए हैं.
वहीं, कुबेर जी को भगवान बदरी विशाल का मुख्य खजांची तथा बदरीश पंचायत का मुख्य देवता माना जाता तथा पांडुकेश्वर और बामणी गांव के ग्रामीण कुबेर जी को अपने आराध्य देवता के रूप में पूजते हैं. मान्यता है कि क्षेत्र में भगवान कुबेर के निवास और कृपा से कभी धन की कमी नहीं होती है.
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इस अवसर पर बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष मोहन प्रसाद थपलियाल, बीकेटीसी के मुख्य कार्याधिकारी बीड़ी सिंह, बीकेटीसी के धर्माधिकारी भुवन चंद्र उनियाल, अपर धर्माधिकारी सत्य प्रकाश चमोला, घंटाकर्ण पस्वा संजीव भंडारी, कुबेर देवता के पस्वा अखिल पंवार, नन्दा माता के पस्वा भगत सिंह मेहता आदि ग्रामीण मौजूद रहे.