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थराली: लॉकडाउन के कारण पहाड़ी क्षेत्रों में फंसे मजदूरों ने की घर वापसी की मांग

लॉकडाउन के कारण चमोली जिले के थराली क्षेत्र सहित नारायणबगड़, देवाल जैसे इलाकों में फंसे मजदूर घर वापस जाने की मांग करने लगे हैं, लेकिन जानकारी के अभाव और पास न बन पाने की वजह से ये मजदूर केवल तहसील कार्यालय के ही चक्कर काट रहे हैं.

Tharali
हाड़ी क्षेत्रों में फंसे मजदूरों ने की घर वापसी की मांग

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Published : May 21, 2020, 9:08 PM IST

थराली: लॉकडाउन के कारण निर्माण कार्य बंद होने के चलते कई दिहाड़ी मजदूरों, कामगारों के रोजगार पर बुरा प्रभाव पड़ा है. चमोली जिले के थराली क्षेत्र सहित नारायणबगड़, देवाल जैसे इलाकों में हजारों की तादाद में बिहार और नेपाल के मजदूर दिहाड़ी के लिए यहां अस्थायी तौर पर निवास करते हैं, लेकिन इस बार लॉकडाउन के चलते इन मजदूरों की रोजी रोटी पर भी संकट पड़ा है, ऐसे में इन पहाड़ी क्षेत्रों में रह रहे मजदूरों को घर की चिंता सताने लगी है. सभी घर तो जाना चाहते हैं, लेकिन जानकारी के अभाव और पास न बन पाने की वजह से ये मजदूर केवल तहसील कार्यालय के ही चक्कर काट रहे हैं.

मजदूरों ने की घर वापसी की मांग

बता दें, इन दैनिक मजदूरों के पास लगभग 2 महीने से रोजगार न होने के चलते रोजी रोटी का संकट तो बना ही हुआ है. वहीं, जानकारी के अभाव और इंटरनेट सहित एंड्रॉयड मोबाइल फोन न होने की वजह से ये मजदूर राज्य सरकारों की ई पास सेवा का भी लाभ नहीं ले पा रहे हैं. ये मजदूर रोज तहसील कार्यालय पहुंचकर उपजिलाधिकारी के सामने अपना दुखड़ा रोते हैं, लेकिन अधिकारी भी नियम से इतर केवल एक प्रार्थना पत्र पर राज्य से बाहर जाने की अनुमति भी नहीं दे सकते हैं.

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वहीं, मीडिया से बातचीत में उपजिलाधिकारी थराली किशन सिंह नेगी ने कहा कि उनके हाथ बंधे हुए हैं, नियम से इतर वे इन मजदूरों को अनुमति नहीं दे सकते हैं और ई पास के लिए इन मजदूरों को जानकारी का अभाव और एंड्रॉयड मोबाइल की अनुपलब्धता से ये आवेदन भी नहीं कर पा रहे हैं. ऐसे में शासन स्तर पर ऐसे मजदूरों को घर पहुंचाने के लिए नियमों में शिथिलता बरतने की आवश्यकता है.

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