चमोली:किसी जमाने में अंतर्देशीय पत्र अपनों तक सूचना पहुंचाने का सशक्त माध्यम होता था. डाकिये को देखते ही अपनों के पत्र के लिए लोग दौड़ लगा देते थे. डिजिटल दौर में डाक विभाग का अंतर्देशीय पत्र इतिहास बनता जा रहा है. चमोली में इन दिनों ऐसा ही एक अंतर्देशीय पत्र की चर्चा हर जगह हो रही है.
चमोली के फाली गांव में रहने वाले सुंदरमणि मैंदोली ने आर्मी में कार्यरत अपने बेटे की शादी का कार्ड अंतर्देशीय पत्र पर छपवाया है. सुंदरमणि मैंदोली ने 1500 से अधिक रिश्तदारों को निमंत्रण देने के लिए अंतर्देशीय पत्र पर छपे शादी के कार्ड को भेज रहे हैं. सुंदरमणि के मुताबिक, अंतर्देशीय पत्र अपनी पहचान खोते जा रहे हैं. पहले अंतर्देशीय पत्र मिलने की जो खुशी होती थी, उस खुशी को दोबारा पाने के लिए उन्होंने बेटे की शादी का कार्ड अंतर्देशीय पत्र पर छपवाया है.