चमोलीः 7 फरवरी को रैणी गांव स्थित ऋषिगंगा में ग्लेशियर टूटने की घटना के बाद धौलीगंगा में जलस्तर बढ़ने के बाद बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग स्थित विष्णुप्रयाग में भी भारी नुकसान हुआ है.
विष्णुप्रयाग में धौलीगंगा ने मचाई तबाही जोशीमठ और विष्णुप्रयाग को जोड़ने वाला पैदल झूला पुल सैलाब की चपेट में आने से बह गया. साथ ही विष्णुप्रयाग में योगध्यान केंद्र भी पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो चुका है. विष्णुप्रयाग की जो तस्वीरें अब सामने आई हैं वो डराने वाली हैं.
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रैणी तपोवन आपदा में अभी तक 32 शव मिले हैं. जिसमें से 27 की पहचान हो चुकी है और 5 शवों की पहचान नहीं हो पाई है. इसके अलावा 10 क्षत विक्षत मानव अंग बरामद हुए हैं. अभी तक 8 शवों को उनके परिजनों के सुपुर्द किया जा चुका है.
आपदा के बाद विष्णुप्रयाग. यहां है विष्णुप्रयाग
विष्णुप्रयाग चमोली जिले में जोशीमठ के पास है. यह पंच प्रयागों में से एक है. यह हिन्दू धर्म के प्रसिद्ध पर्वतीय तीर्थों में से एक है. यह प्रयाग धौलीगंगा तथा अलकनंदा नदियों के संगम पर स्थित है. संगम पर भगवान विष्णु जी प्रतिमा से सुशोभित प्राचीन मंदिर और विष्णु कुण्ड हैं. यह सागर तल से 1372 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है. विष्णु प्रयाग जोशीमठ-बद्रीनाथ मोटर मार्ग पर स्थित है.