थरालीः चमोली जिले के थराली विकासखंड में ग्रामीणों ने आत्मनिर्भरता की एक नजीर पेश की है. माल बज्वाड़ के ग्रामीणों और ग्राम प्रधान ने ऐसा काम किया जो दूसरे गांव के लोगों को भी प्रेरित करेगा. गांव के लोग लंबे समय से पक्की सड़क के लिए सरकार और प्रशासन से गुहार लगा रहे थे. लेकिन जिम्मेदारों की ओर से कोई प्रतिक्रिया न मिलने पर ग्रामीणों ने खुद ही सड़क बनाने का काम शुरू किया. ये काम अब अपने अंतिम पड़ाव पर है.
ग्राम प्रधान जितेंद्र रावत के अनुसार वे शहर से गांव तक सड़क पहुंचाने के लिए कई बार विभागों के चक्कर काट चुके हैं. लेकिन किसी भी विभागीय अधिकारी के कान में जूं तक नहीं रेंगी. हालांकि इलाके में सर्वे का काम तो पूरा हो चुका है, लेकिन आज तक ग्रामीणों को सड़क नसीब नहीं हो पाई. न तो सड़क की कोई घोषणा हो सकी और न ही सड़क कटिंग का कार्य शुरू हो पाया. ऐसे में लॉकडाउन के बीच ही ग्राम प्रधान जितेंद्र की दृढ़ इच्छाशक्ति और ग्रामीणों ने अपने संसाधनों से ही गांव तक सड़क पहुंचा दी है.