चमोली: प्रदेश सरकार के लाख दावों और कोशिशों के बावजूद उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों में स्वास्थ्य सेवाएं भगवान भरोसे चल रही हैं. पहाड़ के गांवों में न तो सड़क पहुंच पाई है और न ही स्वास्थ्य सेवाएं. जोशीमठ विकासखंड के डुमुक गांव में एक बुजुर्ग महिला की तबीयत खराब होने के बाद ग्रामीणों ने मरीज को कंधे पर लादकर 25 किलोमीटर दूर जिला अस्पताल गोपेश्वर का सफर तय किया. जिसके बाद बुजुर्ग महिला का इलाज संभव हो सका.
उत्तराखंड की 'बीमार' स्वास्थ्य सेवा, ग्रामीणों ने मरीज को कंधे पर लादकर तय किया 25 KM का सफर - कंधे पर अस्पताल
चमोली में स्वास्थ्य सेवाएं किस कदर बदहाल है, इसकी बानगी जोशीमठ विकासखंड के डुमुक गांव में देखने को मिली. गांव में स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध न होने पर ग्रामीणों ने बुजुर्ग मरीज को कंधे पर लादकर 25 किलोमीटर दूर अस्पताल तक पहुंचाया.
उत्तराखंड की 'बीमार' स्वास्थ्य सेवा
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देश की आजादी को मिले 70 साल ज्यादा का वक्त बीत चुका है. लेकिन पहाड़ों के गांव आज भी स्वास्थ्य सेवाओं के पहुंचने की आस लगाए बैठे हैं. मूलभूत सुविधाओं से वंचित डुमुक गांव के ग्रामीण इससे पहले भी कई बार मरीजों को कंधे पर लादकर अस्पताल पहुंचा चुके हैं.