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जिम्मेदारों ने नहीं सुनी फरियाद, पैसे जोड़कर खुद सड़क बना रहे ग्रामीण - सलना मोटरमार्ग

प्रदेश के चमोली जिले के सलना गांव के ग्रामीण मूलभूत सुविधा न होने से काफी परेशान थे. पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने साल 2017 में सलना मोटरमार्ग के बनाने की घोषणा की थी. हालांकि, जब सरकार ने ध्यान नहीं दिया तो ग्रामीणों ने खुद श्रमदान कर मार्ग के कटिंग का काम शुरू कर दिया.

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श्रमदान कर बना रहे सड़क

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Published : Apr 12, 2021, 4:42 PM IST

Updated : Apr 13, 2021, 12:38 AM IST

चमोली :पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के द्वारा की गई कई ऐसी घोषणाएं हैं, जो आज तक भी धरातल पर नही उतर पाई है. ऐसी ही एक घोषणा पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने वर्ष 2017 में सलना मोटरमार्ग को लेकर की थी. जब सरकारों ने घोषणा को लेकर ध्यान नहीं दिया तो सलना के ग्रामीणों ने अपने संसाधनों से ही एक किलोमीटर सड़क काट दी. अभी भी ग्रामीणों द्वारा सड़क कटिंग का कार्य जारी है.

पैसे जोड़कर खुद सड़क बना रहे ग्रामीण

जनपद चमोली के दूरस्थ ब्लॉक नागनाथ पोखरी का सलना गांव सड़क जैसी मूलभूत सुविधाओं से जूझ रहा है. ग्रामीण सरकार से उम्मीद लगाए बैठे थे, परंतु सड़क की राह देखते देखते ग्रामीण थक गए और उन्होंने अपने संसाधनों से ही सड़क कटिंग का निर्णय लिया. 70 परिवार की आबादी वाले गांव में 600 की जनसंख्या है. ग्रामीणों ने गांव में चंदा इकट्ठा कर एक किलोमीटर से अधिक सड़क की कटिंग कर दी है, जिसमे ग्रामीणों के 20 लाख रुपये अभी तक खर्च हो गए हैं.

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ग्रामीणों का कहना है कि मदद के नाम पर बदरीनाथ विधायक महेंद्र भट्ट की तरफ से अभी तक महज विधायक निधि से 4 लाख रुपये दिए गए हैं. हालांकि ग्रामीणों की सुध लेने प्रशासन की तरफ से कोई अधिकारी नहीं पहुंचा है. ऐसे में ग्रामीण दिन रात श्रमदान कर सड़क निर्माण का कार्य कर रहे हैं. ग्रामीणों का कहना है कि यदि सरकार जल्द से जल्द इस पर कुछ कार्रवाई नहीं करेगी तो आगामी चुनाव 2022 में वोट का बहिष्कार करेंगे.

Last Updated : Apr 13, 2021, 12:38 AM IST

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