खस्ताहाल धारापानी-खजूरखाल मोटर मार्ग. गैरसैंण: उत्तराखंड बजट सत्र के दौरान लोक निर्माण विभाग मंत्री सतपाल महाराज ने सूबे की सड़कों को गड्ढा मुक्त करने की घोषणा की थी. इसके साथ ही इस कार्य में सहायक और शिकायतकर्ता तक कार्य प्रगति की तस्वीरें पहुंचाने वाले ऐप की घोषणा भी की थी, लेकिन विभागीय मंत्री की घोषणा को उनके ही अधिकारी गंभीरता से नहीं ले रहे हैं. यकीन न आये तो ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण से 20 किमी दूर धारापानी-खजूरखाल मोटर मार्ग का हाल देख लीजिए.
गैरसैंण तहसील मुख्यालय से 20 किमी दूर स्थित धारापानी-खजूरखाल मोटर मार्ग को गड्ढा मुक्त करने के लिए एक सप्ताह से डामरीकरण का काम चल रहा है, लेकिन यहां भ्रष्टाचार का आलम यह है कि इस सड़क पर ब्लैक टॉप बिछाने के साथ ही उखड़ने लगा है. वहीं, डामर पर घास निकल आई है. नाराज ग्रामीणों ने डामरीकरण की गुणवत्ता को लेकर सवाल खड़े किए हैं.
बता दें कि, गैरसैंण बजट सत्र के दौरान लोक निर्माण विभाग मंत्री सतपाल महाराज ने प्रदेशभर की सड़कों को गड्ढा मुक्त करने की घोषणा की थी, लेकिन महाराज के विभागीय अधिकारी उनकी बात मानने को तैयार नहीं है. गैरसैंण तहसील क्षेत्र में धारापानी-खजूरखाल मोटर मार्ग को गड्ढा मुक्त करने के लिए डामरीकरण किया जा रहा है, लेकिन सड़क पर बिछाया जा रहा ब्लैक टॉप साथ ही साथ उखड़ने लगा है जबकि 5 दिनों में ही डामर पर घास उग आई है.
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डामरीकरण की गुणवत्ता को लेकर ग्रामीण सवाल खड़े कर रहे हैं. ग्रामीणों का आरोप है कि विभागीय अधिकारियों की लापरवाही के चलते सड़क डामरीकरण में घटिया कार्य किया जा रहा है. इस संबंध में विभागीय अधिकारियों को सूचित किया गया है, लेकिन विभागीय अधिकारी सुनने को तैयार नहीं हैं. धारापानी गांव के ग्रामीण भवान सिंह ने कहा इस मोटर मार्ग पर हो रहे डामरीकरण की गुणवत्ता बिल्कुल घटिया स्तर की है. जहां-जहां अब तक डामर हो चुका है, वहां पर सड़क के नीचे से घास उग चुकी है. उन्होंने विभागीय अधिकारियों और ठेकेदार पर आरोप लगाया है. उन्होंने कहा जितना मैटीरियल सड़क के डामरीकरण में पड़ना चाहिए था. उतना मैटीरियल सड़क बनाते समय नहीं डाला जा रहा है. जिससे सड़क बनते ही उखड़ने लगी है. बारिश के समय भी सड़क डामरीकरण का कार्य किया जा रहा है. विभागीय अधिकारियों की लापरवाही के कारण इस प्रकार का घटिया कार्य किया जा रहा है.
वहीं, ग्रामीण भगवान सिंह ने कहा कि सड़क पर गाड़ियां चलने के साथ ही डामर उखड़ने लग गया है. इस प्रकार के निर्माण कार्यों की शिकायत यदि क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि करेंगे तो शायद गहरी नींद में सोए विभागीय अधिकारियों की नींद खुलेगी, लेकिन ग्रामीणों की फरियाद सुनने को कोई भी तैयार नहीं है. वहीं, जिला पंचायत सदस्य बलबीर रावत ने कहा तीन किलोमीटर का पीसी का कार्य लोकनिर्माण विभाग द्वारा करवाया जा रहा है. डामरीकरण में 20 एमएम की गिट्टी का उपयोग किया जाना चाहिए था, लेकिन ठेकेदार द्वारा 10 एमएम की गिट्टी डालकर डामरीकरण किया जा रहा है. जिसकी मुख्य वजह विभागीय अधिकारियों की लापरवाही है.
वहीं क्षेत्रीय विधायक अनिल नौटियाल ने कहा सरकार लगातार विकास योजनाओं के लिए पैसा दे रही है. कार्य की गुणवत्ता सही हो, इसकी पूर्ण जिम्मेदारी अधिकारियों की है. ग्रामीणों और स्थानीय जनप्रतिनिधियों द्वारा डामरीकरण की गुणवत्ता पर उठाए गए सवाल को लेकर उन्होंने कहा मामला संज्ञान में आया है. जिस पर लापरवाही अधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी.
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सबसे आश्चर्यचकित करने वाली बात यह है कि इस मामले में लोक निर्माण विभाग अधिकारी कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है. मामले की गंभीरता को देखते हुए ईटीवी भारत ने लोक निर्माण विभाग उपखंड गैरसैंण के अधिशासी अभियंता सुनील कुमार से बात की. इस दौरान वो पल्ला झाड़ते नजर आये. उन्होंने कहा मामला संज्ञान में आया है कि घास सड़क के ऊपर आ गई है, जिसे केमिकल डालकर सही कर दिया गया है. जबकि सड़क की हालत ऐसी है कि आप हाथों में डामरीकरण किए गए मटैरियल को उठा सकते हैं. अब ऐसे में लोक निर्माण विभाग मंत्री सतपाल महाराज की गड्ढा मुक्त सड़क के दावों पर विभागीय अधिकारियों की उदासीनता और लापरवाही भारी पड़ रही है.