चमोली/रुड़की:रूस और यूक्रेन के बीच जंग (Ukraine Russia Conflict) की शुरुआत हो गई है. गुरुवार को रूस ने यूक्रेन पर हमला भी कर दिया है. ऐसे में यूक्रेन में फंसे भारतीय छात्रों के परिजनों की चिंताएं बढ़ गई हैं. भारत सरकार लगातार यूक्रेन से फंसे भारतीयों को सुरक्षित अपने देश लाने की बात कर रही है. उत्तराखंड के प्रमुख सचिव आरके सुधांशु ने सभी जनपदों के जिलाधिकारियों को अपने-अपने जनपदों से यूक्रेन में रहने वाले लोगों की जानकारी मांगी है. वहीं चमोली जिले के दशोली ब्लॉक के मजोठी गांव की योगिता भी यूक्रेन में फंसी हैं. इससे योगिता के परिजन काफी चिंतित हैं.
बता दें कि, चमोली जिले के दशोली ब्लॉक के मजोठी गांव की योगिता पुत्री हरि सिंह फर्स्वाण यूक्रेन में फंसी हैं. युद्ध के हालातों के बीच योगिता के पिता व परिजन काफी चिंतित हैं. उन्होंने बताया कि उनकी बेटी मेडिकल क्षेत्र में एमडी की पढ़ाई कर रही है और उसका फोर्थ ईयर है. वह यूक्रेन के कीव शहर के तरस कॉलेज में मेडिकल कोर्स कर रही हैं. उन्होंने भारत सरकार से योगिता को सुरक्षित भारत लाने की मांग की है. योगिता के ताऊ आनंद सिंह का कहना है कि उनकी योगिता से फोन से बात हुई थी. योगिता ने बताया कि जिस स्थान पर वह हैं, वहां सुरक्षित हैं.
यूक्रेन में फंसे उत्तराखंड के छात्र यूक्रेन में फंसे छात्र मोहम्मद अहमद गोड ने बताई ये बातःरुड़की के शाहपुर गांव निवासी एडवोकेट शराफत अली गोड के बेटे मोहम्मद अहमद गोड भी यूक्रेन में फंसे हुए हैं. मोहम्मद अहमद ने ईटीवी भारत को एक वीडियो यूक्रेन से भेजा है. वीडियो में वो बता रहे हैं कि वो इवानो फ्रेंकल नेशनल यूनिवर्सिटी यूक्रेन में पढ़ाई कर रहे हैं, जो यूक्रेन में मौजूद है. यहां पर रूस ने अटैक कर दिया है. जिसके चलते यहां पर बड़ी भगदड़ मची हुई है. उन्होंने बताया कि वहां की मार्केट में स्टॉक भी खत्म हो चुका है. यहां पर इंटरनेशनल ट्रांजेक्शन भी नहीं हो पा रहा है. इस कारण उनके पास पैसे और खाने-पीने का सामान खत्म हो चुका है. इसके अलावा वहां की एटीएम में भी पैसे खत्म हो चुके हैं. जिसके चलते यहां पर पढ़ाई कर रहे छात्र बहुत ही परेशान हैं और डरे-सहमे हुए हैं. मोहम्मद अहमद ने सरकार से गुहार लगाई है कि उन्हें यूक्रेन से जल्द से जल्द निकाला जाए और सुरक्षित उनके घर पहुंचाया जाए.
पढ़ें:'मेरे बेटे को कीव से लेनी थी फ्लाइट, लेकिन...' यूक्रेन में फंसे छात्रों के परिजनों ने मदद की लगाई गुहार यूक्रेन में फंसे हैं उत्तराखंड के करीब 40 छात्र: यूक्रेन में अभी उत्तराखंड के करीब 30 से 40 छात्र फंसे हैं. इनकी संख्या अभी और भी बढ़ सकती है. इसमें देहरादून सहित रुड़की, रुद्रपुर, चमोली, उत्तरकाशी के कई छात्र मौजूद हैं, जो कि यूक्रेन में मेडिकल की पढ़ाई कर रहे हैं. इन सब छात्रों को वेस्टर्न यूक्रेन की ओर सुरक्षित शिफ्ट होने के निर्देश दिए गए हैं. कहा गया है कि किसी भी स्थिति में अपने फ्लैट या कमरों से बाहर न निकलें. साथ ही भारतीय दूतावास इन छात्रों के लगातार संपर्क में है.
रुद्रप्रयाग के छात्र-छात्राएं भी यूक्रेन में फंसे होने जानकारी:रूस-यूक्रेन के बीच युद्ध बढ़ गया है. दोनों ही देश एक दूसरे की सैन्य शक्ति को भारी नुकसान करने का दावा कर रहे हैं. इस सबके बीच वहां रह रहे भारतीय नागरिकों की स्वदेश वापसी की कोशिशें भी चल रही हैं. लेकिन हवाई सेवा बंद होने से उनकी वापसी में देरी हो रही है. यूक्रेन में उत्तराखंड के भी कई छात्र-छात्राएं फंसे हुए हैं. अधिकांश छात्र-छात्राएं वहां मेडिकल की पढ़ाई के लिए गए हैं. वहीं, रुद्रप्रयाग के अगस्त्यमुनि ब्लॉक के एक छात्र व एक छात्रा और ऊखीमठ ब्लॉक के भी एक छात्र व एक छात्रा के यूक्रेन में फंसे होने की जानकारी मिल रही है. ये सभी वहां मेडिकल की पढ़ाई कर रहे हैं.
अगस्त्यमुनि सीएचसी में तैनात फॉर्मासिस्ट डीएल मिंगवाल के पुत्र अंकित चंद्रा एवं फलई गांव के पूर्व प्रधान विजय भट्ट की पुत्री अवंतिका भट्ट यूक्रेन की राजधानी कीव में पढ़ाई कर रहे हैं. जब से वहां के हालात बेकाबू हुए हैं इससे छात्रों के परिजन काफी परेशान है. अभिभावकों ने यूक्रेन के कॉलेज प्रशासन पर भी हालातों की गंभीरता को समझने में गलती करने का आरोप भी लगाया. अभिभावकों ने बताया कि वे अपने बच्चों को 15 दिन पूर्व ही वापस बुला रहे थे. उन्होंने कालेज से ऑनलाइन पढ़ाई कराने का अनुरोध भी किया था. लेकिन कॉजेल प्रशासन नहीं माना और स्थिति सामान्य होने की बात करता रहा. अंकित की माता पूर्व जिपंस सुलोचना देवी ने बताया कि देर रात को ही अंकित से बात हुई थी. उसने कहा कि वहां के हालात और कठिन होते जा रहे हैं. रात-दिन धमाकों की आवाज आ रही है. एटीएम और जनरल स्टोरों में भारी भीड़ लग रही है. उन्हें अपने हॉस्टल में रहने को कहा गया है. सायरन बजते ही बेसमेंट में जाने को कहा गया है. जहां नेटवर्क की भी समस्या हो रही है.
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अवंतिका के पिता विजय भट्ट एवं माता सीएचसी अगस्त्यमुनि में हेल्थ कोऑर्डिनेटर रचना भट्ट ने बताया कि आज ही सुबह उससे बात हुई थी, सभी छात्रों में घबराहट है और वे अपनी सुरक्षा को लेकर परेशान हैं. वहां पर सभी छात्र-छात्राएं फिलहाल एक साथ रह रहे हैं. अवंतिका के पिता ने कहा कि छात्रों द्वारा मिली जानकारी के अनुसार यूक्रेन में अभी मेट्रो चल रही हैं, जिसके द्वारा छात्रों को नजदीकी पश्चिमी देशों पोलैण्ड, हंगरी आदि में भिजवाया जा सकता है. जहां से सभी छात्र हवाई सेवा द्वारा स्वदेश वापसी कर सकते हैं. उन्होंने उत्तराखंड सरकार से जल्द छात्रों की घर वापसी के लिए उचित कदम उठाने की मांग की है.
वहीं पुलिस प्रशासन ने हेल्पलाइन नंबर जारी कर वहां रह रहे छात्रों की पूरी जानकारी उपलब्ध कराने को कहा है. पुलिस प्रशासन ने बताया कि यदि किसी का कोई परिजन वर्तमान में यूक्रेन में किसी भी कार्य के लिए गया हुआ है तो संबंधित व्यक्ति के संबंध में पूरी जानकारी डायल 112 व पुलिस कन्ट्रोल कक्ष रुद्रप्रयाग के नंबर 7579257572पर उपलब्ध कराएं.
टिहरी जिले के 5 बच्चे यूक्रेन में फंसे:टिहरी के 5 छात्रों के यूक्रेन में फंसे होने की जानकारी मिल रही है. जिनमें सौम्या राणा पुत्री उदय वीर राणा सेक्टर 9a बौराड़ी, सिद्धि तोपवाल पुत्री पदम सिंह ग्राम नवागर, मनीष राणा पुत्र जसपाल राणा सेक्टर 9b बौराड़ी, पारस पुत्र मान सिंह रौतेला सेक्टर 8b बोराड़ी, आदित्य कंडारी पुत्री दरमियान 7d बौराड़ी के हैं.