चमोली: आध्यात्मिक, ऐतिहासिक और सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण उत्तराखंड का जोशीमठ शहर अपने अस्तिव को बचाने की लड़ाई लड़ रहा है. दरारों में घिरते जोशीमठ शहर को बचाने के लिए सरकार भी लगातार प्रयास कर रही है. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ग्राउंड जीरो पर जाकर खुद राहत और बचाव के कार्यों का निरीक्षण कर रहे है. बुधवार रात से मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी जोशीमठ में ही रुके हुए हैं. गुरुवार सुबह को उन्होंने अधिकारियों के साथ बैठक की.
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में हुई बैठक में सेना, आईटीबीपी, एनडीआरएफ और भूस्खलन की जांच में लगे विभिन्न संस्थानों के वैज्ञानिक थे. इसके अलावा बैठक में सीएम धामी ने जिला प्रशासन और पुलिस के अधिकारियों को लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के निर्देश दिए.
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इसके साथ ही सीएम धामी ने जोशीमठ भू धंसाव से प्रभावित परिवारों को अंतरिम पैकेज के पारदर्शी वितरण और पुनर्वास पैकेज की दर निर्धारित किए जाने हेतु गठित समिति के साथ बैठक की. मुख्यमंत्री ने कहा कि स्थानीय स्तर पर गठित समिति के सदस्यों के सुझावों पर बाजार दर तय की जाएगी. प्रभावित हितधारकों के हितों का पूरा ध्यान रखते हुए बेहतर से बेहतर मुआवजा दिया जाएगा.
उन्होंने कहा कि प्रभावित लोगों को मानसिक रूप से भी सबल बनाना है. सरकार की ओर से अधिकतम जो हो सकता है, वह किया जाएगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि फरवरी में औली में गेम्स होने हैं. कुछ महीने बाद चारधाम यात्रा शुरू होने जा रही है. हमें यह भी देखना होगा कि जोशीमठ से बाहर कोई गलत संदेश न जाए, ताकि स्थानीय लोगों की आजीविका प्रभावित न हो. इसका हम सबको ध्यान में रखते हुए काम करना है.
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने स्थानीय जनप्रतिनिधियों, गणमान्य नागरिकों के साथ भी बैठक की. उन्होंने सभी को आपदा की घड़ी में शासन प्रशासन के साथ तालमेल बनाकर काम करने की बात कही. उन्होंने कहा कि जो लोग प्रभावित हैं, उनकी जान माल की सुरक्षा करते हुए उनके लिए आगे का रास्ता बनाना हमारी प्राथमिकता है. सीएम ने कहा कि जिन लोगों के मकान, दुकान, व्यवसाय प्रभावित हुए हैं उन सभी को अंतरिम सहायता के रूप में 1.50 लाख तत्कालिक रूप से दिए जा रहे हैं. प्रभावित लोगों के पुनर्वास के लिए सरकार हर संभव मदद करेगी. कतिपय लोग जोशीमठ को लेकर गलत माहौल बना रहे हैं. इससे हमारे लोगों का नुकसान हो रहा है उनकी आर्थिकी प्रभावित हो रही है.
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सरकारी रिपोर्ट के अनुसार जोशीमठ में करीब 700 घरों में दरारें पड़ी चुकी है. वहीं अभीतक प्रशासन ने 100 परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया है. राज्य सरकार के अलावा केंद्र सरकार भी जोशीमठ में चल रही सभी गतिविधियों पर नजर रख रहा है. सरकार ने जोशीमठ में उन भवनों को तोड़ने का फैसला लिया है, जो दरारें आने के बाद असुरक्षित बिल्डिंग की श्रेणी में आ चुके है. वहीं पहले चरण में जोशीमठ के दो होटलों को तोड़ा जा रहा है.