चमोली:पर्यटन स्थल चोपता में पर्यटकों के लिए लगाए टैटों को हटाए जाने को लेकर यूकेडी कार्यकर्ताओं ने उच्च शिक्षा मंत्री व जिला प्रभारी मंत्री धन सिंह रावत को ज्ञापन सौंपा है. कार्यकर्ताओं का कहना है कि प्रशासन की इस कार्रवाई से स्थानीय लोगों का रोजगार छीना है. लिहाजा, चोपता में स्थानीय लोगों को कैंपिग की अनुमति मिलनी चाहिए.
यूकेडी कार्यकर्ताओं ने जिला प्रभारी मंत्री को सौंपा ज्ञापन. दरसअल, चोपता में स्थानीय लोगों के द्वारा पर्यटन व्यवसाय के लिए लगाए गए टेंटों को बीते दिनों हाईकोर्ट के आदेश का हवाला देकर प्रशासन के हटा दिया था. जिससे पर्यटन व्यवसाय से जुड़े स्थानीय लोगों के लिए सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गाया. चोपता के पर्यटन व्यवसायियों की पीड़ा को लेकर यूकेडी कार्यकर्ताओं का एक शिष्टमंडल ने आज मंत्री धन सिंह रावत को इस संबंध में ज्ञापन सौंपा. जिसके बाद मंत्री में उन्हें आश्वस्त किया कि इस मामले को विधानसभा में भी उठाया जा चुका है. जल्द ही सरकार बुग्यालों में कैम्पिंग को लेकर कोई निर्णय लिया जाएगा.
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वहीं, इस पूरे मामले में यूकेडी के केंद्रीय प्रवक्ता सतीश सेमवाल का कहना है कि चोपता में शंकराचार्य के जमाने से हक हकूकधारियों की भूमि मौजूद है. जिस पर पर्यटन से जुड़े रोजगार को लेकर स्थानीय लोगों ने चोपता में टैंट लगाए गए थे. लेकिन स्थानीय प्रशासन द्वारा हाई कोर्ट के आदेश का हवाला देकर इन्हें हटाया जा रहा है. जबकि, औली में सम्पन्न हुई गुप्ता बंधुओं के बेटों की शादी को लेकर सभी कायदे कानूनों को ताक पर रख दिया गया.
बता दें कि बुग्यालों में रात्रि प्रवास और टैंट लगाने पर हाई कोर्ट के द्वारा रोक लगाई गई है. वहीं, पर्यटन स्थल चोपता भी बुग्याल क्षेत्र में आता है. जिसको देखते हुए स्थानीय प्रशासन के द्वारा चोपता के आसपास स्थानीय लोगों द्वारा पर्यटकों के ठहरने के लिए लगाए गए टैंटों को हाईकोर्ट का हवाला देकर हटा दिया गया था. जिसके बाद प्रशासन की कार्रवाई से गुस्साएं यूकेडी कार्यकर्ताओं ने चमोली के प्रभारी मंत्री धन सिंह रावत को ज्ञापन सौंपा है.