चमोलीः सरकार की उदासीनता के चलते जनता को छोटी प्रशासनिक इकाइयों का भी लाभ नहीं मिल पा रहा है. आमजन का जुड़ाव सीधा तहसील कार्यालय से होता है. जबकि, ग्रामीण क्षेत्रों की पूरी व्यवस्था जिला प्रशासन के राजस्व अधिकारियों के पास होती है, लेकिन सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण माने जाने वाले चमोली जिले में तहसील स्तर पर उन्हीं अधिकारियों का टोटा बना हुआ है.
आलम ये है कि बीते एक साल से महज दो तहसीलदार के भरोसे ही 12 तहसीलें हैं. ऐसे में ग्रामीणों को अपने जरूरी दस्तावेज बनवाने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.
विस्तृत भू-भाग वाले चमोली जिले में यूं तो 12 तहसीलें हैं, लेकिन इनमें से ज्यादातर तहसीलें बिना स्टाफ और तहसीलदार के हैं. जिले में तैनात महज दो तहसीलदारों को 6-6 तहसीलों का चार्ज दिया गया है. ऐसे में तहसील के नाम पर जो भवन बने हैं, वे भी सफेद हाथी साबित हो रहे हैं. जिले में तहसीलदारों की कमी के चलते ग्रामीणों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. लोगों को अपने जरूरी दस्तावेज बनाने के लिए महीनों इंतजार करना पड़ता है.
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वहीं, जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया का कहना है कि तहसीलदार और नायब तहसीलदारों की कमी के चलते जिले के रजिस्टार, कानूनगो को नायब तहसीलदारों का चार्ज दिया गया है. जिससे कुछ दिक्कतें कम हुई हैं. साथ ही कहा कि फरवरी महीने में करीब 6 नए बैच के नायब तहसीलदारों की ज्वाइन करने की संभावना है. जिससे दिक्कतें कम हो जाएंगी.