चमोली/देहरादून: उत्तराखंड के चमोली जिले में रविवार सुबह को आई तबाही के बाद पूरा फोकस सुरंग में फंसे हुए लोगों को बचाने में है. बीते तीन दिनों से यहां पर रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है. आईटीबीपी, एसडीआरएफ, बीआरओ, एनडीआरएफ समेत सेना के जवान दिन- रात सुरंग से मलबा निकालने में लगे हुए हैं. रेस्क्यू टीम जैसे-जैसे सुरंग में अंदर जा रही है उनके लिए चुनौती और बढ़ती जा रही है. मलबा अधिक होने के कारण रेस्क्यू टीम सुरंग में अंदर जाने के लिए तीसरा रास्ता खोज रही है.
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रेस्क्यू ऑपरेशन की चुनौती
रेस्क्यू टीम के सामने सबसे बड़ी समस्या तपोवन में बनी निर्माणाधीन सुरंग के अंदर पहुंचना है. क्योंकि यहां पर 35 से ज्यादा लोगों के फंसे होने की सूचना है. समस्या ये है कि सुरंग दोनों तरफ से मलबे से अटी पड़ी हुई है. तीन दिनों में सिर्फ 150 मीटर का रास्ता ही साफ किया गया है. जबकि सुरंग की लंबाई ढाई किमी है और उसमें भी कई मोड़ हैं. ऐसे में अंदाजा नहीं लग पा रहा है मलबा कितनी दूर तक है.
डीजीपी अशोक कुमार भी पिछले तीन दिन से ग्राउंड जीरो पर ही डटे हुए थे. मंगलवार को ही वो देहरादून पहुंचे हैं. उन्होंने बताया है कि सुरंग से मलबा कब तक हटाया जा सकता है, इसके बारे में भी कुछ भी सटीक नहीं बताया जा सकता है. इंजीनियरों को टनल में जाने के लिए वैकल्पिक रास्ता बनाने को भी कहा है. आज इसका प्रयास करेंगे. मशीनें एक घंटे में 5 से 10 मीटर मलवा ही निकाल पा रही हैं.
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सुरंग में फंसे लोगों के जीवित होने की उम्मीद