चमोलीःजोशीमठ में दरार और भू-धंसाव के चलते प्रभावित परिवारों को राहत शिविरों समेत सुरक्षित जगहों पर ठहराया गया है. प्रभावित परिवारों को होटल समेत अन्य स्थानों पर राहत कैंप में आवासीय व्यवस्था के लिए ₹950 प्रतिदिन के हिसाब से दिया जाएगा. वहीं, मवेशियों के लिए प्रतिदिन के हिसाब से ₹45 से ₹80 की सहायता राशि दी जाएगी.
दरअसल, जोशीमठ में भू-धंसाव के चलते प्रभावित परिवारों को होटल और अन्य स्थानों पर राहत कैंप में आवासीय व्यवस्था के लिए वास्तविक व्यय या ₹950 प्रतिदिन के अनुसार वहन करने की स्वीकृत दी गई है. इसके अलावा आपदा मोचन निधि के मानकों के अनुसार, बड़े पशुओं के चारे के लिए ₹80 प्रति पशु प्रतिदिन और छोटे पशुओं के चारे के लिए ₹45 प्रति पशु प्रतिदिन की सहायता राशि दी जाएगी.
वहीं, जोशीमठ नगर पालिका क्षेत्र के अंतर्गत प्रभावित किरायेदार, अवैध अध्यासियों, अनाधिकृत कब्जा धारियों को भी अपने सामान की ढुलाई और तात्कालिक आवश्यकताओं के लिए एकमुश्त ग्रांट के रूप में 50 हजार रुपए दिया जाएगा. जबकि, आपदा प्रभावित परिवारों के दो वयस्क सदस्यों को राहत कैंप अवधि के दौरान मनरेगा के अंतर्गत निर्धारित मजदूरी दर ₹213 प्रतिदिन के आधार पर अनुग्राहिक राहत राशि दी जाएगी.
जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण चमोली की ओर से जारी दैनिक रिपोर्ट के अनुसार, अभी तक 237 परिवारों के 800 लोगों को विभिन्न सुरक्षित स्थानों पर अस्थायी रूप से शिफ्ट किया जा चुका है. जबकि, अभी तक 849 घरों में दरारें आ चुकी हैं. इसके अलावा 165 भवन ऐसे हैं, जिन्हें असुरक्षित जोन में रखा गया है.
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जिला प्रशासन ने जोशीमठ नगर क्षेत्र के अंतर्गत निवास करने योग्य अस्थायी राहत शिविरों के रूप में 83 स्थानों में 615 कक्षों का चिह्नीकरण किया है. जिसमें 2190 व्यक्तियों को ठहराया जा सकता है. वहीं, नगर पालिका क्षेत्र जोशीमठ के बाहर पीपलकोटी में अस्थायी राहत शिविरों के रूप में 20 भवनों के 491 कमरों को चयनित किया गया है. जिसमें 2205 लोगों को ठहराया जाएगा.
जोशीमठ में राहत कार्यों के तहत अभी तक 396 प्रभावित परिवारों को 301.77 लाख रुपए से ज्यादा की धनराशि अंतरिम राहत के तौर पर वितरित की जा चुकी है. जबकि, प्रभावितों को अभी तक 284 खाद्यान्न किट, 360 कंबल, 842 लीटर दूध, 55 हीटर/ब्लोवर, 36 डेली यूज किट, 642 अन्य सामग्री का वितरण राहत सामग्री के रूप में दिया जा चुका है.
वहीं, प्रभावितों का भी लगातार स्वास्थ्य परीक्षण किया जा रहा है. जिसके तहत राहत शिविरों में रह रहे 637 से ज्यादा लोगों का स्वास्थ्य परीक्षण किया जा चुका है. प्रभावित क्षेत्रों में 33 पशुओं का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया. वहीं, उत्तराखंड आपदा प्रबंधन सचिव रंजीत कुमार सिन्हा की मानें तो जोशीमठ में पानी का रिसाव घटकर 163 एलपीएम हो गया है.
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