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Mount Trishul Avalanche: रियर एडमिरल सूरज बेरी बोले- बॉडी न मिलने तक जारी रहेगा सर्च ऑपरेशन - Chamoli Hindi News

जोशीमाठ पहुंचे नौसेना के रियर एडमिरल सूरज बेरी ने माउंट त्रिशूल रेस्क्यू अभियान के बारे में मीडिया को जानकारी दी. उन्होंने बताया कि अभी भी एक नौसेना अधिकारी और एक पोर्टर लापता हैं, उनके मिलने तक रेस्क्यू अभियान जारी रहेगा.

Suraj Beri did aerial survey
Suraj Beri did aerial survey

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Published : Oct 5, 2021, 9:53 AM IST

Updated : Oct 5, 2021, 10:04 AM IST

चमोली:भारतीय नौसेना के रियर एडमिरल सूरज बेरी आज जोशीमठ पहुंचे. इस दौरान उन्होंने माउंट त्रिशूल आरोहण के दौरान हुए हिमस्खलन हादसे की विस्तार से जानकारी दी. उन्होंने कहा कि एक्सपीडिशन दल के लापता नौसेना अधिकारी और पोर्टर की तलाश जारी है.

मीडिया से मुखाबित होते हुए एडमिरल सूरज बेरी ने कहा कि स्वर्णिम विजय वर्ष के अवसर पर वेस्टर्न नेवल कमांड आईएनएस (INS) टू माउंट त्रिशूल एक्सपीडिशन पर 3 सितंबर 20 सदस्यीय दल मुंबई से निकला था. 10 पर्वतारोहियों ने शिखर पर चढ़ना शुरू किया था, लेकिन शिखर से पहले हिमस्खलन में फंस गए. इस दल को 1, 2 और 3 अक्टूबर को किसी भी समय में माउंट त्रिशूल को फतह करना था और अक्टूबर माह में ही वापस वेस्टर्न नेवल कमान पहुंचना था.

बॉडी न मिलने तक जारी रहेगा सर्च ऑपरेशन- रियर एडमिरल सूरज बेरी

वहीं, जब नौसेना का एक्सपीडिशन दल माउंट त्रिशूल फतह करने के लिए निकल रहा था, तभी त्रिशूल माउंट पर हिमस्खलन हो गया. इसी हिमस्खलन में 5 जवान और एक पोर्टर लापता हो गए. इसके बाद भारतीय सेना और वायुसेना की मदद से 48 घंटे के अंदर रेस्क्यू कर नेवी के लापता 4 अधिकारियों के शव बरामद कर लिये. जबकि, लापता एक नेवी अधिकारी और पोर्टर के लिए अभी भी हम लगातार राहत एवं बचाव कार्य में जुटे हुए हैं. उन्होंने कहा कि जब तक इन दोनों की बॉडी नहीं मिल जाती है, तब तक रेस्क्यू अभियान चलाया जाएगा.

पढ़ें- चमोली एवलॉन्च: नौसेना के 4 पर्वतारोहियों के शव मिले, 2 की तलाश जारी

मौसम डाल रहा खलल:लगातार मौसम खराब होने के कारण रेस्क्यू में दिक्कत है आ रही है. आज सुबह भी रेस्क्यू में दिक्कत आई है, क्योंकि वहां एक बार फिर से हिमस्खलन होने के कारण रेस्क्यू को रोकना पड़ा है. मौसम ठीक होने के बाद तत्काल फिर से रेस्क्यू शुरू किया जाएगा.

माउंट त्रिशूल की खतरनाक चढ़ाई:एडमिरल सूरज बेरी ने बताया कि उन्होंने भी भारतीय सेना के अधिकारी के साथ त्रिशूल का मुआयना किया है और देखा है कि यह बहुत ही खतरनाक एक्सपीडिशन था. यहां की चढ़ाई 65 से 80 डिग्री खड़ी चढ़ाई है, जो कि बहुत मुश्किल काम था.

Last Updated : Oct 5, 2021, 10:04 AM IST

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