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वैदिक मंत्रोच्चार के बीच विधिविधान से शीतकाल के लिए बंद हुए बदरीनाथ धाम के कपाट

शाम 6.45 बजे पूरे विधि-विधान से बदरीनाथ धाम के कपाट बंद हो गए हैं. ऐसे में उत्तराखंड में चारधाम यात्रा का भी समापन हो गया है.

Badrinath Dham
बदरीनाथ धाम

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Published : Nov 20, 2021, 12:53 PM IST

Updated : Nov 20, 2021, 6:58 PM IST

चमोली: बदरीनाथ धाम के कपाट शाम को 6.45 बजे पूरे विधि-विधान के बाद बंद किए गए. कपाट बंद होने की प्रक्रिया शाम चार बजे से शुरू हो गई थी. वहीं, आज बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने के साथ ही चारधाम यात्रा का समापन भी हो गया है.

शीतकाल में छह माह के लिए बदरीनाथ धाम के कपाट बंद से पहले आखिर दिन बड़ी संख्या में श्रद्धालु भगवन बदरी-विशाल के दर्शन करने के लिए धाम पहुंचे. श्रद्धालुओं में गजब का उत्साह देखने को मिला. बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने से पूर्व पुष्प सेवा समिति ऋषिकेश की ओर से मंदिर को चारों ओर से 20 क्विंटल गेंदा, गुलाब और कमल के फूलों से सजाया गया था.

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वहीं, धाम के कपाट बंद होने की प्रक्रिया शाम चार बजे से ही शुरू हो गई थी. इससे पहले सुबह छह बजे भगवान बदरीनाथ की अभिषेक पूजा की गई. इसके बाद सुबह आठ बजे बाल भोग लगाया गया. फिर दोपहर साढ़े बारह बजे भोग लगाया गया.

शाम चार बजे माता लक्ष्मी को बदरीनाथ गर्भगृह में स्थापित किया गया और गर्भगृह से गरुड़जी, उद्धवजी और कुबेरजी को बदरीश पंचायत से बाहर लाया गया. सभी धार्मिक परंपराओं का निर्वहन करने के बाद शाम 6:45 बजे बदरीनाथ धाम के कपाट विधि विधान से बंद कर दिये गए.

Last Updated : Nov 20, 2021, 6:58 PM IST

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