उत्तराखंड

uttarakhand

ETV Bharat / state

उच्च हिमालयी क्षेत्रों में पैर पसार रही खरपतवार, जैव विविधता के लिए बनी खतरा! - केदारनाथ वन्य जीव प्रभाग

उच्च हिमालयी क्षेत्रों में पॉलीगोनम खरपतवार पैर पसार रहा है, बेशकीमती जड़ीबूटियों और वनस्पतियों के लिए खतरे की घंटी है. उप वन संरक्षक अमित कंवर ने बताया कि अभी तक प्रभाग के सेंचुरी एरिया में कहीं भी पॉलीगोनम नहीं था, लेकिन अब पॉलीगोनम खरपतवार अपना दायरा बढ़ा रहा है.

Chamoli Hindi News
चमोली न्यूज

By

Published : Oct 10, 2020, 1:22 PM IST

Updated : Oct 10, 2020, 2:15 PM IST

चमोली: फूलों की घाटी के बाद अब खरपतवार पॉलीगोनम ने उच्च हिमालयी क्षेत्रों में भी पांव पसारना शुरू कर दिया है. बेशकीमती जड़ी बूटियों व वनस्पतियों के लिए यह खतरे की घंटी है.

केदारनाथ वन्य जीव प्रभाग के सेंचुरी एरिया व उच्च हिमालयी क्षेत्रों में वन्यजीव वनस्पति और जड़ी-बूटी पर किए अध्ययन और मैनेजमेंट प्लान में पॉलीगोनम का दूर-दूर तक कोई भी जिक्र नहीं था, लेकिन इस बार केदारनाथ वन्य जीव प्रभाग के उप वन संरक्षक अमित कंवर के नेतृत्व में हिमालय क्षेत्र की रेंज में गए वन अधिकारियों के 5 सदस्यीय दल के लिए उच्च हिमालयी क्षेत्र में तब चौंकाने वाली स्थिति सामने आई जब 3460 मीटर की ऊंचाई पर स्थित तुंगनाथ क्षेत्र में पॉलीगोनम खरपतवार पर सफेद फूल खिले हुए थे. यहां पॉलीगोनम खरपतवार अपना दायरा बढ़ा रहा है.

उच्च हिमालयी क्षेत्रों में पैर पसार रहा पॉलीगोनम खरपतवार.

वहीं, 38 सौ मीटर की ऊंचाई पर स्थित नंदी कुंड बुग्याल की तलहटी और आसपास के क्षेत्रों में भी दूर-दूर तक पॉलीगोनम पनप रहा है. केदारनाथ वन्य जीव प्रभाग ने उच्च हिमालयी क्षेत्र में पॉलीगोनम की धमक को अपने मैनेजमेंट प्लान और विजिटर बुक में भी दर्ज कर लिया है.

पढ़ें- World Mental Health Day 2020: अपने मानसिक स्वास्थ्य का भी रखें पूरा ख्याल

उप वन संरक्षक अमित कंवर ने बताया कि अभी तक प्रभाग के सेंचुरी एरिया में कहीं भी पॉलीगोनम नहीं था. साल 2010 में 10 सालों के लिए बने मैनेजमेंट प्लान में कहीं भी पॉलीगोनम का जिक्र नहीं है, लेकिन इस बार कई बुग्याल क्षेत्रों में पॉलीगोनम की पैदावार देखी गई है. इसको काटने के लिए वृहद योजना बनाई जा रही है.

Last Updated : Oct 10, 2020, 2:15 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details