गैरसैंण विधानसभा के बाहर मौन उपवास पर बैठे हरीश रावत चमोली/देहरादून: उत्तराखंड की ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण के भराड़ीसैंण में चार फरवरी को पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने विधानसभा भवन की गेट पर बैठकर एक घंटे का मौन व्रत किया है. इस दौरान हरीश रावत के साथ पूर्व विधानसभा अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल भी मौजूद थे. हालांकि विधानसभा भवन पर जाने से पहले पुलिस उन्हें रोक दिया था, जिसको लेकर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करण माहरा ने धामी सरकार पर तानाशाही का आरोप लगाया है.
हरीश रावत ने आज के धरने के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि धामी सरकार ने तीन महीने पहले जब फैसला लिया था कि ठंड के कारण उत्तराखंड विधानसभा का शीतकालीन सत्र भराड़ीसैंण के बजाय देहरादून में ही कराया जाएगा, तब उन्होंने इसको लेकर फैसला लिया था कि वो सर्दियों में भराड़ीसैंण विधानसभा के गेट पर बैठकर एक घंटे के मौन व्रत रखेंगे. इसीलिए वो आज ठंड में भराड़ीसैंण विधानसभा के गेट पर एक घंटे के मौन व्रत कर रहे हैं और सरकार को जगाने का प्रयास कर रहे हैं. हरीश रावत ने कहा कि उत्तराखंडियत और भराड़ीसैंण के सवाल पर उनका यह मौन व्रत राज्य की जनता को समर्पित है.
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हालांकि भराड़ीसैंण विधानसभा पर धरना देने से पहले ही हरीश रावत और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल को पुलिस ने रोक दिया था, जिस पर हरीश रावत ने कहा कि उन्हें भराड़ीसैंण में विधानसभा के सामने मौन व्रत करने से रोका जा रहा है. ऐसा करके भाजपा सरकार अपना तानाशाही रवैया दिखा रही है. वहीं, भराड़ीसैंण में जिस तरह के हरीश रावत को रोका गया है, उस पर उत्तराखंड कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष करण माहरा ने भी आपत्ति जताई है. करण माहरा ने कहा कि भराड़ीसैंण में हरीश रावत और कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ पुलिस ने धक्का-मुक्की की है.
इनता ही नहीं करण माहरा ने सरकार पर गैरसैंण की उपेक्षा किए जाने का आरोप लगाया. करण माहरा ने कहा कि राज्य गठन के बाद पहली बार ऐसा हुआ है कि जब 26 जनवरी के दिन सरकार ने किसी माननीय का कार्यक्रम वहां आयोजित नहीं करवाया. भराड़ीसैंण में किसी भी मंत्री ने ध्वजारोहण नहीं किया. गैरसैंण भाजपा सरकार के लिए केवल एक राजनीति मोहरा मात्र बनकर रह गया है. भाजपा सरकार ने वहां ग्रीष्मकालीन राजधानी सिर्फ अपने राजनीतिक फायदे के लिए बनाई है.
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उधर भर्ती घोटाले को लेकर भी कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करण माहरा ने बीजेपी सरकार पर निशाना साधा. करण माहरा ने आरोप लगाते हुए कहा कि भर्ती घोटाले को भाजपा के लोगों का संरक्षण प्राप्त है. हाकम सिंह को जमानत मिल जाएगी. पुलिस ने आरबीएस रावत की गिरफ्तारी तो की है, लेकिन एस राजू के ऊपर कोई कार्रवाई नहीं की गई.
उन्होंने कहा कि वह पहले से ही कहते आ रहे हैं कि हाकम सिंह को जमानत मिल जाएगी, क्योंकि हाकम सिंह के पास बड़े नेताओं के सबूत हैं. कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष का कहना है कि अवर अभियंता और सहायक अभियंता की भर्ती परीक्षा का प्रश्न पत्र के लीक होने के मामले में भाजपा के पूर्व मंडल अध्यक्ष समेत 9 लोगों की गिरफ्तारियां भी हुई है. ऐसे में यह कहीं बड़े आकाओं का नाम ना ले सकें, इसलिए जांच एजेंसियां कमजोर केस बनाएंगी, ताकि हाकम सिंह की तरह भाजपा नेता की भी जमानत हो जाए. उन्होंने सरकार की मंशा पर सवाल उठाते हुए मांग उठाते हुए कहा कि भर्ती घोटालों की जांच सिटिंग जज की निगरानी में होनी चाहिए.