जोशीमठ की सड़कों पर उतरे हजारों लोग. चमोलीःऐतिहासिक जोशीमठ नगर दरार और भू धंसाव के चलते कराह रहा है. जिसे बचाने के लिए जोशीमठ के बाशिंदे गुहार लगा रहे हैं. अपने घर, मकान, दुकान और बेहतर भविष्य के सपनों को लिए जोशीमठ के लोग आज सड़कों पर उतरे. ढोल नगाड़ों के साथ जोशीमठ के साथ ही आसपास के गांव के लोगों ने NTPC के खिलाफ मुट्ठी तानी. जोशीमठ के रहवासी यहां के हालातों के लिए एनटीपीसी को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं. जिसके कारण वे इसका विरोध कर रहे हैं.
प्रभावित लोगों का आरोप है कि एनटीपीसी की तपोवन विष्णुगाड़ जल विद्युत परियोजना से ही जोशीमठ में दरार आई है. आज एनटीपीसी की इस परियोजना को तत्काल बंद करने की मांग को लेकर विभिन्न गांवों के हजारों लोग सड़कों पर उतरे और जोरदार नारेबाजी की. हाथों में पोस्टर बैनर लिये लोग सुनियोजित ढंग से विरोध प्रदर्शन करने सड़कों पर उतरे. शांति के साथ जोशीमठ में हुक्मरानों को हिला देना वाला प्रदर्शन हुआ.
दरअसल, आज जोशीमठ नगर को बचाने के लिए स्थानीय लोगों के साथ ही जोशीमठ ब्लॉक के अलग-अलग गांवों से पहुंचे हजारों लोग सड़कों पर आ गरजे. लोगों का हुजूम देख पुलिस प्रशासन के हाथ पांव फूल गए. हालांकि, आक्रोश रैली के मद्देनजर पहले ही पुलिस फोर्स तैनात हो गई थी. इस दौरान आगे-आगे पुलिस का जत्था चल रहा था तो पीछे-पीछे कई किमी लंबी रैली निकल रही थी. जिसमें महिलाएं, पुरुष, बुजुर्ग युवा सभी शामिल थे. आक्रोशित लोगों ने एनटीपीसी के खिलाफ प्रदर्शन कर नगर में जुलूस निकाला. लोगों ने सरकार से जोशीमठ के विस्थापन को लेकर स्पष्ट नीति बनाने की मांग की.
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गौर हो कि प्रभावित लोग बीते 23 दिनों से जोशीमठ नगर को बचाने को लेकर आंदोलन कर रहे हैं. अभी तक जोशीमठ में 863 भवनों में भू धंसाव के चलते दरारें आ गई हैं. प्रभावित परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया गया है, लेकिन अभी भी जोशीमठ नगर में लगातार दरारें बढ़ रही हैं. जिससे लोग संशय में जी रहे हैं. लोगों को आपने आज और कल की चिंता सता रही है. भले ही सरकार और प्रशासन लगातार जोशीमठ में एक्टिव दिखाई दे रहा हो, मगर यहां के लोग इन सरकारी प्रयासों को नाकाफी बता रहे हैं.
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जोशीमठ बचाओ संघर्ष समिति के पदाधिकारी अतुल सती ही सरकार और प्रशासन को सवालों के घेरे में खड़ा करते नजर आते हैं. अतुल सती कहते हैं जोशीमठ के हालात किसी से छुपे नहीं हैं. इसके बाद भी सरकार ने अभी तक अपनी नीति स्पष्ट नहीं की है. जिससे ये पता चलता है की सरकार जोशीमठ को लेकर कितनी गंभीर है. अतुल सती ने कहा अगर जल्द जोशीमठ को लेकर सरकार की ओर से रुख स्पष्ट नहीं किया गया तो और भी उग्र आंदोलन किया जाएगा. जिसकी जिम्मेदारी पूरी तौर पर शासन-प्रशासन की होगी.
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