चमोली: वनाग्नि दुर्घटनाओं की रोकथाम के लिए इन दिनों जनपद के अलग-अलग विकासखंडों में पुलिस, वन विभाग और तहसील के अधिकारियों द्वारा मॉकड्रिल की जा रही है. मॉकड्रिल में शामिल अधिकारी खुद जंगल में आग लगा रहे हैं. हालांकि बाद में आग बुझाई भी जा रही है. लेकिन इस अभ्यास में हल्की भी चूक रह जाती है तो आग जंगलों में फैल सकती है. इससे बड़ा हादसा हो सकता है.
मॉकड्रिल के लिए अधिकारी जंगल में लगा रहे आग, ग्रामीण बोले खतरनाक काम - चमोली वनाग्नि अभ्यास
वनाग्नि दुर्घटनाओं की रोकथाम के लिए इन दिनों जनपद के अलग-अलग विकासखंडों में पुलिस, वन विभाग और तहसील के अधिकारियों द्वारा मॉकड्रिल किया जा रहा है.
मॉकड्रिल में तहसील स्तरीय इंसीडेंट रिस्पांस सिस्टम के रिस्पोंसिबल आफिसर नायब तहसीलदार ने आईआरएस से जुड़े सभी तहसील स्तरीय अधिकारियों को आपातकालीन परिचालन केन्द्र में उपस्थित होने के निर्देश दिए. जिसके 15 मिनट बाद ही एक टीम को आवश्यक उपकरणों के साथ प्रभावित क्षेत्र के लिए रवाना किया गया. घटनास्थल पर पहुंचते ही टीम आग बुझाने में जुटी और कड़ी मेहनत के बाद आग बुझाने में सफलता मिली. दो कार्मिकों को आग की लपटों से झुलसा दिखाया गया. जिन्हें एबुलेंस से सीएचसी घाट पहुंचा कर चिकित्सकों ने उपचार करने का तरीका भी दिखाया.
जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया ने तहसील जोशीमठ और कर्णप्रयाग में माॅक अभ्यास की तैयारियों का जायजा लिया. वनाग्नि घटनाओं के प्रभावी रोकथाम के लिए तहसील स्तर पर पूरी तैयारी रखने हेतु माॅक अभ्यास करने के निर्देश जारी किए हैं.