चमोली:उत्तराखंड सरकार के द्वारा करोड़ों रुपए की लागत से खरीदा गया सचल चिकित्सा वाहन चमोली के जिला अस्पताल के बाहर कई वर्षों से धूल फांक रहा है. उपयोग में न होने के कारण वाहन पर पौधे तक उग आए हैं. वाहन संचालन के लिए समय रहते स्वास्थ्य विभाग उत्तराखंड द्वारा टेंडर प्रक्रिया संपन्न न करवाने के कारण वाहन के साथ-साथ वाहन के अंदर रखे स्वास्थ्य परीक्षण के उपकरण भी खराब हो चुके हैं. सीएमओ चमोली का कहना है कि वाहन के संचालन को लेकर लगातार शासन से पत्राचार किया जा रहा है.
बता दें कि, उत्तराखंड के ग्रामीण इलाकों में बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया करवाने के मकसद से वर्ष 2009 में उत्तराखंड के 13 जनपदों में सचल चिकित्सा सेवा के नाम से एक बस के अंदर अल्ट्रासाउंड, एक्सरे मशीन, पैथोलॉजी लैब, ईसीजी सहित अन्य उपकरणों से लैस कर एक अस्पताल तैयार किया गया था. साथ ही सचल चिकित्सा वाहन के साथ एक कुशल डॉक्टरों की टीम भी मौजूद रहती थी, जोकि ग्रामीण क्षेत्रों में जाकर लोगों का स्वास्थ्य परीक्षण करती थी. सरकार की इस सेवा से ग्रामीण क्षेत्रों की गर्भवती महिलाओं सहित अन्य बीमार लोग लाभ मिलने से काफी राहत महसूस कर रहे थे. यह सेवा वर्ष 2012 तक चलने के बाद एकाएक बंद हो गई जो अभी तक शुरू नहीं हुई है. कुछ सालों तक स्वास्थ्य विभाग टेंडर करवाने का हवाला देकर मामले से पल्ला झाड़ने की कोशिश करता रहा. लेकिन कबाड़ में तब्दील होते सचल चिकित्सा वाहन की ओर किसी का ध्यान नहीं जाता.