देहरादून/चमोली/रुद्रप्रयाग:चमोली में गोचर से पहले नेशनल हाईवे का एक बड़ा हिस्सा पूर्ण रूप से क्षतिग्रस्त हो जाने कारण मुख्यधारा से कट गया है. आपदा प्रबंधन सचिव रंजीत कुमार सिन्हा ने बताया कि आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा लगातार हालातों पर नजर बनाए हुए हैं. उनके द्वारा नेशनल हाईवे और ब्लॉक में विभाग के अधिकारियों से लगातार समन्वय बनाया जा रहा है. नेशनल हाईवे के साथ-साथ कार्यदाई संस्था के अधिकारी मौके पर निरीक्षण कर रहे हैं. कम से कम समय में कैसे इस मार्ग को वापस सुचारू किया जा सकता है, इस पर लगातार काम कर रहे हैं.
आपदा प्रबंधन सचिव ने बताया कि कमेड़ा में सड़क का बहुत बड़ा हिस्सा टूट चुका है. लिहाजा, इसे दोबारा से सुचारू करने में 3 से 4 दिन का समय लग सकता है. आपदा प्रबंधन सचिव ने बताया कि नेशनल हाईवे से जुड़ने वाले पूरे इलाके में लगातार आपदा प्रबंधन विभाग नजर बनाए हुए हैं. सभी जरूरी एसेंशियल सर्विसेज को लेकर के आपदा प्रबंधन विभाग अलर्ट पर है. आपदा प्रबंधन द्वारा पूरे इलाके में राहत सामग्री और जरूरत के सामानों को लेकर काम किया जा रहा है.
चारधाम यात्रियों का बदला गया रुट:आपदा प्रबंधन सचिव ने बताया कि सड़क के तकरीबन 100 मीटर के हिस्से के पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो जाने के बाद निश्चित तौर से गढ़वाल क्षेत्र का एक बड़ा हिस्सा मुख्यधारा से कट गया है, लेकिन इसके बावजूद भी वैकल्पिक मार्गों की व्यवस्था की जा रही है. कोशिश की जा रही है कि जरूरी ट्रांसपोर्टेशन इन वैकल्पिक मार्गों से किया जाए. इसके अलावा चारधाम जाने वाले यात्रियों को अब रुद्रप्रयाग से चारों धामों के लिए भेजा जा रहा है. बदरीनाथ और हेमकुंड जाने वाले यात्रियों को वैकल्पिक तौर पर रुद्रप्रयाग से चोपता, दुर्गाधार, मोहनखाल, पोखरी, कर्णप्रयाग होते हुए भेजा जा रहा है. हालांकि, यह सड़क मार्ग भी संकरा होने के कारण यहां भी जाम की स्थति उत्पन्न हो रही है.
ये भी पढ़ेंःपुलिया की दरकार, मौन जिम्मेदार...ग्रामीणों और स्कूली बच्चों की जान पर भारी 'चुप्पी'
अतिवृष्टि से 100 मीटर हाईवे बहा: वहीं, चमोली जिलाधिकारी हिमांशु खुराना ने कमेड़ा में भूस्खलन प्रभावित स्थल का निरीक्षण करते हुए एनएच के अधिकारियों को युद्ध स्तर पर जल्द हाईवे सुचारू करने के निर्देश दिए हैं. साथ ही पैदल वैकल्पिक आवाजाही के लिए भी मार्ग तैयार करने के लिए कहा है. गौरतलब है कि रविवार रात हुई भारी बारिश के कारण चमोली के कर्णप्रयाग क्षेत्र में भारी नुकसान हुआ है. कमेड़ा के पास अतिवृष्टि से 100 मीटर बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग का हिस्सा पूरी तरह से तबाह हो गया है. दूसरी तरफ गौचर नगर क्षेत्र में एक सड़क का पुश्ता टूटने से सड़क पर खड़े 5 वाहन भूस्खलन की चपेट में आने से मलबे में दब गए हैं.
कर्णप्रयाग-ग्वालदम एनएच हो रहा बार-बार बंद: उधर चमोली के थराली में लगातार लैंडस्लाइड का सिलसिला जारी है. कर्णप्रयाग-ग्वालदम राष्ट्रीय राजमार्ग 9K सिमलसैंण के समीप लैंडस्लाइड होने अवरुद्ध हो गया है. हालांकि, मौके पर बीआरओ की टीम जेसीबी मशीन से मलबा हटाने का काम कर रही है. लेकिन बार-बार हो रहे लैंडस्लाइड से टीम को काफी परेशानी उठानी पड़ रही है. दूसरी तरफ हाईवे पर आवाजाही करना भी खतरा भरा हो गया है. वहीं, थराली का प्राणमती मोटर मार्ग पर प्राणमती गांव के समीप लैंडस्लाइड होने से मार्ग बंद हो गया है. पहाड़ी का एक बड़ा हिस्सा टूटकर प्राणमती नदी में समा गया, जिसमें बड़े-बड़े चीड़ के पेड़ भी प्राणमती नदी में गिर गए.
ये भी पढ़ेंःचीन बॉर्डर का भारत से संपर्क कटा, बदरीनाथ हाईवे का 70 मीटर हिस्सा ध्वस्त, मार्ग खुलने में लगेंगे इतने दिन, देखें वैकल्पिक रास्ता
विधायक समेत लोगों के घर में घुसा बारिश का पानी:रुद्रप्रयाग जिले के अगस्त्यमुनि नगर क्षेत्र में रविवार रात हुई भारी बारिश से कई वार्ड जलमग्न हो गए हैं. जल निकासी की समुचित व्यवस्था न होने से हालात काफी बिगड़ गए हैं. बसंत विहार में केदारनाथ विधायक शैलारानी रावत का आवास सहित नाकोट वार्ड में देर रात बरसाती पानी कई घरों में घुस गया. सुबह होते-होते नगर के कई घर और रास्ते पानी से लबालब हो गए. नगर क्षेत्र के स्टेट बैंक कॉलोनी के बीच में बहने वाला नाला भारी उफान पर आने से सड़क पर बहने लगा. इससे पुराना देवल में नगर पंचायत की टॉल के पीछे पहाड़ी का हिस्सा दरक गया है, जिससे सटे मकानों को भी खतरा हो गया है. बगर गधेरा भी ऊफान पर है, गदेरे से पानी और मलबा केदारनाथ राजमार्ग पर फैल गया है. हालांकि, रोड आवागमन के लिए पूरी तरह से खुली है.