चमोली: उत्तराखंड को देवभूमि के नाम से जाना जाता है. यहां हर जगह पर देवी-देवताओं का वास है. जिसके कारण यहां के हर स्थान का अपना अलग महत्व है. इन्हीं में चमोली जनपद का नाम भी आता है. इस जिले में भगवान शिव के कई ऐसे मंदिर हैं जो अभी भी लोगों की जानकारी से दूर हैं. शिवरात्रि के मौके पर हम आपको चमोली जिले के ऐसे ही मंदिरों के बारे में बताने जा रहे हैं-
गोपीनाथ महादेव
चमोली जिला मुख्यालय गोपेश्वर में स्थित गोपीनाथ मंदिर गढ़वाल क्षेत्र का सबसे ऊंचा शिव मंदिर बताया जाता है. यहां पर भगवान शिव ने गोपी रूप धारण किया था. यह विश्व का पहला शिव मंदिर है जहां सीढ़ियां चढ़कर नहीं बल्कि उतरकर मंदिर पहुंचा जाता है. यहां पर भगवान शिव का प्राचीन त्रिशूल भी मौजूद है. जिस पर पांचवी सदी के लेख भी मौजूद हैं
बैरासकुंड महादेव
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार चमोली के घाट विकासखंड स्थित बैरासकुण्ड गांव के पास रावण ने तपस्या कर भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए अपने 10 सिरों की आहुति दी थी. आज भी यहां पर हवन कुंड और विशाल जलकुंड मौजूद है. जिसकी गहराई का आज तक कोई पता नहीं लगा पाया है. बैरासकुंड मंदिर को वसिसठेश्वर महादेव के नाम से भी जाना जाता है.