गैरसैंण:मात्र 18 वर्ष की आयु में देश सेवा का जज्बा लिए सेना में भर्ती हुए रुचिन सिंह रावत ने देश पर मर-मिटने की अपनी कसम बखूबी निभाई व आतंकियों से मुठभेड़ में वीरगति को प्राप्त हो गये. आज बलिदानी वीर रुचिन रावत का पार्थिव शरीर उनके पैतृक गांव कुनीगाड़ पहुंचने की उम्मीद है.
रुचिन की शहादत की खबर मिलते ही पूरे क्षेत्र में मातम पसरा है. परिजनों का जहां रो-रो कर बुरा हाल है, वहीं रुचिन के 52 वर्षीय पिता राजेंद्र सिंह रावत को अपने जांबाज लाडले पर गर्व है. रुचिन की 48 वर्षीय मां पार्वती देवी कहती हैं कि बेटा बीते अक्टूबर में 10 दिन के अवकाश पर आया था, और 12 मई को छुट्टी पर घर आने का वादा कर गया था. यही बताते हुए माता पार्वती देवी अपने आंसू नहीं रोक पाईं और फफक-फफक कर रो पड़ीं.
रुचिन के पीछे उनके माता-पिता के अलावा 24 वर्षीय पत्नी कल्पना और 4 वर्षीय बेटा हर्षित है. पत्नी और बेटा रुचिन के साथ उधमपुर में ही रहते थे. इनके अलावा परिवार में दादा दादी व छोटा भाई है जो भारतीय नौसेना में तैनात है.
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बताते चलें कि बीते रोज जम्मू कश्मीर के राजौरी सेक्टर में आतंकियों से मुठभेड़ के दौरान एक आईईडी ब्लास्ट में गैरसैंण ब्लॉक के कुनिगाड़ गांव निवासी 29 वर्षीय रुचिन रावत शहीद हो गए. आज पूरे सैन्य सम्मान के साथ उनके पैतृक घाट पर उन्हें अंतिम विदाई दी जाएगी. रुचिन रावत जम्मू स्थित 9 पैरा कमान उधमपुर में तैनात थे.
इससे पूर्व आज सुबह जम्मू में शहीद रुचिन सिंह रावत को सैन्य अफसरों ने पुष्प चक्र अर्पित कर सलामी दी. शहीद के पार्थिव शरीर के जम्मू से देहरादून एयरपोर्ट जौलीग्रांट पहुंचने पर प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी व क्षेत्रीय विधायक बृजभूषण गैरोला ने शहीद के पार्थिव शरीर पर पुष्प चक्र अर्पित कर श्रद्धांजलि अर्पित की.