चमोली: जोशीमठ भूधंसाव का मुद्दा उठाने वाले जोशीमठ बचाओ संघर्ष समिति के कार्यकर्ताओं ने बुधवार पांच अप्रैल को चेतावनी दी है कि यदि सरकार ने उनकी मांगों पर विचार नहीं किया तो वे 27 अप्रैल से बदरीनाथ हाईवे को जाम कर अपना विरोध प्रदर्शन करेंगे. 27 अप्रैल से ही बदरी विशाल के कपाट खुलने जा रहे हैं. यदि जोशीमठ बचाओ संघर्ष समिति के कार्यकर्ताओं ने ऐसा किया तो जिला प्रशासन और सरकार दोनों के लिए मुश्किल खड़ी हो जाएगी.
जोशीमठ बचाओ संघर्ष समिति (जेबीएसएस) की मांगों में एनटीपीसी की तपोवन-विष्णुगढ़ पनबिजली परियोजना और हेलंग-मारवाड़ी बाईपास परियोजना को रद्द करना शामिल है. जेबीएसएस के संयोजक अतुल सती ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को लिखे पत्र में यह भी मांग की कि प्रभावित लोगों को पर्याप्त मुआवजा मिले और उनका उचित पुनर्वास किया जाए.
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सती ने पत्र में कहा है कि अगर 27 अप्रैल तक यह सब नहीं किया गया तो लोग विरोध में सड़कों पर उतरने को मजबूर होंगे. सती का कहना है कि उन्होंने सरकार से जोशीमठ संकट के निटपने के लिए स्थानीय और जेबीएसएस प्रतिनिधियों की एक उच्च स्तरीय समिति गठित करने का आग्रह किया था, लेकिन सरकार ने उनकी मांग को अनसुना कर जोशीमठ की समस्याओं को और बढ़ा दिया.