मलारी इन और माउंट व्यू होटल को गिराने का काम शुरू. चमोली: उत्तराखंड के जोशीमठ में दरकते भवनों को जमींदोज करने का काम शुरू कर दिया गया है. कार्रवाई की शुरुआत होटल मलारी इन और माउंट व्यूसे हो गई है. सेंट्रल बिल्डिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट (CBRI) रुड़की की निगरानी में SFRF, NDRF और PWD की टीमें होटल को गिराने का काम कर रही हैं. इसके साथ ही मौके पर प्रशासनिक अधिकारी भी मौजूद हैं. इन होटलों को स्टेप-बाई-स्टेप गिराने की योजना के तहत काम हो रहा है. सबसे पहले होटलों से सामान बाहर निकाला जाएगा. किसी भी तरह की जनहानि रोकने के लिए प्रशासन पूरी तरह मुस्तैद है. वहीं, रात के समय कार्य को रोक दिया गया है.
पहले दिन होटल की छत पर सीबीआरआई के नेतृत्व में एसडीआरएफ, एनडीआरएफ व टेक्निकल टीम ने काम शुरू किया और गैस कटर के माध्यम से छत से पानी की टंकियां हटाई गईं, साथ ही छत से लोहे की ग्रिल भी हटाई गई हैं. एसडीआरफ डिप्टी कमांडेंट मिथिलेश सिंह का कहना है कि रात में ध्वस्तीकरण का कार्य नहीं होगा क्योंकि यहां पर ठंड अधिक है और बारिश भी शुरू हो गई है, ऐसे में कोई रिस्क नहीं लिया जाएगा.
वहीं, होटल मालिक और जिला प्रशासन की बैठक में मुआवजे पर हुए फैसले के बाद होटल को ध्वस्त करने की कार्रवाई शुरू की गई है. इससे पहले भी सरकार स्थानीय लोगों को आश्वासन दे चुकी है कि पीड़ित लोगों को बाजार रेट पर मुआवजा दिया जाएगा, जिसके बाद मौके से प्रदर्शनकारियों को हटाते हुए ध्वस्तीकरण की कार्रवाई शुरू की गई है. इस दौरान होटल मलारी इन के मालिक ठाकुर सिंह राणा का कहना था कि बगल के होटल की इमारत से इतना दबाव है कि उनका होटल ढहने वाला है. वो बेबस हूं, कुछ कह नहीं सकते. अगर उनके होटल को तोड़ा जा रहा है तो वो कैसे खुश हो सकते हैं?
आईजी गढ़वाल करण सिंह नग्याल का कहना है कि एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, सिविल पुलिस और स्थानीय प्रशासन मौके पर मौजूद हैं. लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए जिन होटलों को तोड़ा जाना है, उनके पास के क्षेत्र में सभी गतिविधियों को रोक दिया गया है.
बता दें कि, ये दोनों होटलें दरारों के चलते पीछे की तरफ झुक गए हैं. पिछले दिनों तकनीकी समिति ने जांच के बाद अपनी रिपोर्ट दी थी. इसमें सरकार को तत्काल जर्जर निर्माणों को ढहाने की अनुशंसा की गई थी. इन जर्जर संरचनाओं के कारण जान-माल के खतरे की आशंका जताई जा रही थी. जोशीमठ में दरारें लगातार लोगों को डरा रही हैं. प्रशासन की ओर से अब तक 723 घरों को चिन्हित किया गया है. वहीं, फिलहाल फौरी तौर पर जोशीमठ के प्रभावित परिवारों को डेढ़ लाख रुपए की मदद की जा रही है. ₹50 हजार रुपए शिफ्टिंग के लिए और मुआवजे के एडवांस के तौर पर एक लाख रुपए दिए जाएंगे.
पढ़ें-Joshimath Sinking: जोशीमठ के हालात पर गृह मंत्रालय चिंतित, अमित शाह ने बैठक में लिया अपडेट
वहीं, लोगों के गुस्से को देखते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी जोशीमठ में ही डेरा डाला हुआ है. 11 जनवरी सुबह मुख्यमंत्री धामी ने प्रशासनिक अधिकारियों के साथ बैठक की. बैठक उन्होंने अधिकारियों को साफ निर्देश दिए कि प्रभावितों को जो अंतरिम सहायता दी जा रही है, उसमें पूरी प्रदर्शिता बरती जाए.
इसके अलावा उन्होंने राहत और बचाव कार्य में लगी एजेंसियों को कहा कि पहली प्राथमिकता लोगों की सुरक्षा है. इसीलिए जिन घरों में दरारें आ चुकी है. उन घरों में रहने वाले परिवारों को पहले सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया जाए. प्रशासनिक रिपोर्ट के आधार पर अभीतक करीब 100 परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया जा चुका है.