चमोलीः सिखों के पवित्र तीर्थ स्थल प्रसिद्ध हेमकुंड साहिब और लोकपाल लक्ष्मण मंदिर के कपाट आज विधि विधान के साथ बंद कर दिए गए हैं. भारी बर्फबारी के बीच करीब 1500 सिख श्रद्धालुओं का जत्था अंतिम अरदास के साक्षी रहे. वहीं, तीर्थयात्रियों में खासा उत्साह भी देखने को मिला.
बता दें कि गुरुद्वारा श्री हेमकुंड साहिब (Gurudwara Shri Hemkund Sahib) के कपाट 10 अक्टूबर यानी आज दोपहर एक बजे शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए. कपाट बंद होने की प्रक्रिया सोमवार सुबह से शुरू हो गई थी. सुबह 10 बजे पहली अरदास हुई. इसके बाद 11ः25 बजे तक सुखमणि का पाठ और शब्द कीर्तन हुआ. इसके बाद रागी जत्थे की ओर से दरबार हॉल में मौजूद संगतों को गुरबाणी कीर्तन सुना कर निहाल किया. इस साल की अरदास कर बैंड-बाजों की धुनों के साथ धूमधाम से पंच प्यारों की अगुवाई में गुरु साहिब जी के स्वरूप को सुखासन स्थान पर सुशोभित कर दिया गया.
कपाट बंद होने के मौके पर पर भारतीय सेना की 418 लाइट इंजीनियर का दल भी मौजूद रहा. बीते दो दिनों से हो रही बर्फबारी के बावजूद संगतों की श्रद्धा और उत्साह में किसी भी प्रकार की कमी नहीं रही. गौर हो कि हेमकुंड साहिब की यात्रा इस साल 22 मई को शुरू हुई थी. इस बार 2.47 लाख श्रद्धालुओं ने रजिस्ट्रेशन करवाकर श्री हेमकुंड यात्रा का सौभाग्य प्राप्त किया. इसके साथ ही उच्च हिमालयी क्षेत्र में स्थित हिंदुओं के पवित्र तीर्थ स्थल लक्षण लोकपाल मंदिर के कपाट भी पूरे विधि विधान के साथ शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए हैं.
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