नैनीताल/चमोली: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने ग्राम पंचायत गुनियाला पोखरी जिला चमोली निवासियों के पैतृक घाट पर नगर पंचायत पोखरी द्वारा कूड़ा निस्तारण केंद्र बनाए जाने के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की. मामले को सुनने के बाद मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी व न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी की खंडपीठ ने पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड को नोटिस जारी किया है. पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड, सरकार और अन्य से चार सप्ताह में जवाब पेश करने को कहा है. मामले की अगली सुनवाई के लिए 4 दिसंबर की तिथि नियत की है.
पोखरी के घाट पर कूड़ा निस्तारण केंद्र बनाने की HC में हुई सुनवाई, PCB और सरकार से मांगा जवाब
नैनीताल हाईकोर्ट में आज नगर पंचायत पोखरी द्वारा ग्राम पंचायत के पैतृक घाट पर कूड़ा निस्तारण केंद्र बनाए जाने के मामले पर सुनवाई हुई. हाईकोर्ट ने इस मामले में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और सरकार से चार हफ्ते में जवाब तलब किया है. मामले की अगली सुनवाई 4 दिसम्बर को होगी.
मामले के अनुसार प्रबल सिंह रावत निवासी ग्राम गुनियाला पोखरी जिला चमोली ने जनहित याचिका दायर की थी. उन्होंने कहा है कि नगर पंचायत पोखरी द्वारा उनके ग्राम सभा के पैतृक घाट पर कूड़ा निस्तारण केंद्र बनाया जा रहा है. इसका ग्राम वासी विरोध कर रहे हैं. जनहित याचिका में कहा गया है कि यह घाट गांव वालों का पैतृक घाट है. इसे दूसरी जगह नहीं बनाया जा सकता.
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प्रबल सिंह रावत ने कहा कि नगर पंचायत इस स्थान पर कूड़ा निस्तारण केंद्र बना रही है, जो उनकी भावनाओं के खिलाफ है. पूर्व में भी इस स्थान को कूड़ा निस्तारण केंद्र के लिए चयनित किया गया था, जिसे नगर पंचायत अध्यक्ष ने निरस्त कर दिया था. परन्तु नगर पंचायत द्वारा फिर से इस स्थान पर कूड़ा निस्तारण केंद्र बनाया जा रहा है. इस पर रोक लगाई जाए.