चमोली: पिछले दस सालों से जिला मुख्यालय गोपेश्वर को सोलर सिटी के रूप में विकसित करने की कवायद चल रही है, जो अभी तक परवान नहीं चढ़ पाई है. गोपेश्वर सोलर सिटी की फाइलों 10 सालों से शासन में धूल फांक रही हैं. जिसकी सुध लेने वाला कोई है. अगर, गोपेश्वर नगर को सोलर सिटी के रूप में विकसित किया जाता तो इससे 10 प्रतिशत ऊर्चा की बचत होगी.
बता दें कि साल 2010 में केंद्र सरकार के वैकल्पिक ऊर्जा मंत्रालय ने गोपेश्वर नगर के करीब 10 किलोमीटर क्षेत्र को सौर ऊर्जा से जगमग करने का प्लान तैयार किया था. इसके लिए 250 करोड़ रुपए की कार्य योजना स्वीकृत भी की गई थी. इतना ही नहीं डीपीआर बनने के लिए वैकल्पिक ऊर्जा मंत्रालय ने 45 लाख भी स्वीकृति कर दिए थे. इसके अलावा 11 लाख रुपए की राशि नोडल एजेंसी नगर पालिका गोपेश्वर को अवमुक्त कर दी गई थी. इस राशि से डीपीआर के साथ-साथ सोलर उपकरणों का प्रदर्शन व जागरूकता शिविर आयोजित किए जाने थे.
पढ़ें-माणा से कन्याकुमारी के लिए साइकिल से निकला युवक, 'Green Himalaya, Clean Himalaya' का दे रहा संदेश