उत्तराखंड

uttarakhand

ETV Bharat / state

11वें दिन भी आरक्षण के खिलाफ कर्मचारियों का प्रदर्शन, हड़ताल की दी चेतावनी - चमोली में कर्मचारी प्रदर्शन

चमोली के थराली विकासखंड और पौड़ी में 11वें दिन भी कर्मचारी पदोन्नति में आरक्षण के खिलाफ मिनिस्ट्रीरियल कर्मचारियों की हड़ताल जारी रही. कर्मचारियों ने सरकार को अनदेखी करने पर परिवार के साथ हड़ताल पर बैठने की चेतावनी दी है.

protest
कर्मचारियों का प्रदर्शन.

By

Published : Mar 12, 2020, 4:01 PM IST

Updated : Mar 12, 2020, 4:59 PM IST

चमोली/पौड़ी:जिले के थराली विकासखंड में कर्मचारी पदोन्नति में आरक्षण के खिलाफ मिनिस्ट्रीरियल कर्मचारियों की हड़ताल का व्यापक असर देखने को मिल रहा है. थराली विकासखंड कार्यालय परिसर में लगभग सभी विभागों के कर्मचारी धरने पर बैठे रहे जहां कर्मचारियों ने राज्य सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. विभागीय कर्मचारियों की इस हड़ताल से थराली में आमजन के आवश्यक कार्यों पर भी खासा असर पड़ रहा है. वहीं, पौड़ी में भी कर्मचारियों ने सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया.

11वें दिन भी आरक्षण के खिलाफ कर्मचारियों का प्रदर्शन.

दरअसल, सर्वोच्च न्यायालय द्वारा पदोन्नति में आरक्षण को मौलिक अधिकार नहीं माना गया है. हड़ताल करने वाले कर्मचारियों का कहना है कि प्रदेश में 2012 से ज्येष्ठता के आधार पर पदोन्नति की जा रही थी, लेकिन एससी, एसटी कर्मचारियों के दवाब में आकर प्रदेश सरकार ने पदोन्नति पर रोक लगा रखी है.

यह भी पढ़ें:विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कोरोना वायरस को महामारी घोषित किया

वहीं, जनरल व ओबीसी कर्मचारियों का राज्य सरकार शोषण कर रही है. कर्मचारियों का कहना है पदोन्नति में आरक्षण बंद होना चाहिए और ज्येष्ठता के आधार पदोन्नति मिलनी चाहिए. राज्य सरकार न्यायालय के आदेशों की अवहेलना कर रही है. उनका कहना है कि अगर सरकार इसी तरह कर्मचारियों की अनदेखी करती रही तो कर्मचारी अब परिवार के साथ हड़ताल पर बैठने को मजबूर होंगे.

यह भी पढ़ें:12 मार्च का इतिहास : दांडी मार्च ने ब्रिटिश सत्ता को दी कड़ी चुनौती

उधर, पौड़ी में भी उत्तराखंड जनरल ओबीसी एसोसिएशन की ओर से आज 11वें दिन भी जिले में धरना जारी रहा. आज से आवश्यक सेवाएं भी इसमें सम्मिलित होने लगी हैं. जिससे कि आम जनमानस को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. विद्युत, पानी और चिकित्सा जैसी आवश्यक सेवाओं पर इसका असर दिखने लगा है.

जिला अस्पताल पौड़ी में आज चिकित्सकों और कर्मचारियों की कमी के चलते मरीजों को भी काफी समस्याओं का सामना करना पड़ा. इसके साथ ही पेयजल और विद्युत की समस्याओं को लेकर पहुंचे लोगों को भी बैरंग वापस लौटना पड़ा. वहीं, एसोसिएशन की ओर से बताया गया है कि प्रदेश सरकार की ओर से उनकी एक सूत्रीय मांग को नहीं माना जा रहा है. कर्मचारियों का कहना है कि जब तक सरकार उनकी मांगों को नहीं मानती है यह आंदोलन और उग्र होता जाएगा.

एसोसिएशन की महिला उपाध्यक्ष निर्मला थापा ने बताया कि उनकी मात्र एक मांग है कि सुप्रीम कोर्ट की ओर से उनके पक्ष में जो फैसला दिया गया है, सरकार उसका पालन करें. वहीं, पदोन्नति में आरक्षण को पूरी तरह समाप्त करें. उन्होंने कहा कि पदोन्नति में आरक्षण कोई संवैधानिक अधिकार नहीं है जो कि इसे लागू किया जाए.

Last Updated : Mar 12, 2020, 4:59 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details