उत्तराखंड

uttarakhand

ETV Bharat / state

हेलंग घाटी से घास ले जाती ग्रामीण महिलाओं का चालान, वन मंत्री ने दिए जांच के आदेश

चमोली के हेलंग घाटी में घास काटकर ले जाती महिलाओं के चालान के वायरल वीडियो पर वन मंत्री ने जांच के आदेश दे दिए हैं. वन मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा कि जिस भूमि की बात की जा रही है, वह एनटीपीसी के पास है. यहां पर मैदान बनाया जाना प्रस्तावित है. इसका कुछ परिवार विरोध कर रहे हैं और यह पूरा मामला उसी विरोध से जुड़ा हुआ है.

Forest Minister Subodh Uniyal
वन मंत्री सुबोध उनियाल

By

Published : Jul 18, 2022, 5:51 PM IST

Updated : Jul 18, 2022, 5:58 PM IST

देहरादूनः उत्तराखंड के चमोली जिले के हेलंग घाटी में ग्रामीण महिलाओं से घास छीनने का मामला अब तूल पकड़ने लगा है. सोशल मीडिया पर इस घटना को लेकर मौजूद अधिकारियों की निंदा की जा रही है. वहीं, अब वन मंत्री सुबोध उनियाल ने मामले की जांच जिलाधिकारी से कराए जाने की बात कहते हुए उक्त महिलाओं को ही गलत ठहरा दिया है.

जल, जंगल और जमीन में हक हकूक के दावों और हरेला पर्व पर आम लोगों की सहभागिता बढ़ाने की कोशिशों के बीच चमोली जिले का एक ऐसा वीडियो वायरल हुआ है, जिसमें कई सवाल खड़े कर दिए हैं. हेलंग घाटी में घास ले जाती 2 महिलाओं से सीआईएसएफ और पुलिस जवानों की नोकझोंक का एक वीडियो वायरल हुआ है. मामले के तहत इसके बाद पुलिस कर्मियों ने इन महिलाओं को कई घंटे तक थाने में बैठा कर रखा और फिर 250 रुपए का चालान भी किया. जैसे ही यह वीडियो सोशल मीडिया पर सामने आया तो कई सामाजिक और राजनीतिक संगठनों समेत आम लोगों ने भी घटना की निंदा करनी शुरू कर दी.

हेलंग घाटी से घास ले जाती ग्रामीण महिलाओं का चालान.
ये भी पढ़ेंः हेलंग गांव में डंपिग यार्ड बनाने का विरोध, पुलिस ने ग्रामीणों को हिरासत में लिया

बड़ी बात यह है कि अभी तक इस घटना को लेकर लोग सरकारी सिस्टम को कोस ही रहे थे. लेकिन उत्तराखंड के वन मंत्री सुबोध उनियाल ने एक ऐसा बयान दे दिया जो शायद आम लोगों को नागवार गुजर सकता है. सुबोध उनियाल ने कहा कि जिस भूमि की बात की जा रही है, वह एनटीपीसी के पास है. यहां पर मैदान बनाया जाना प्रस्तावित है. इसका कुछ परिवार विरोध कर रहे हैं और यह पूरा मामला उसी विरोध से जुड़ा हुआ है.

वीडियो में हो रही घास को लेकर नोकझोंकः खास बात यह है कि जिस तरह से वायरल वीडियो में नोकझोंक हो रही है, उससे लगता है कि महिलाओं के घास लाने को लेकर ही आपत्ति जताई जा रही है. हालांकि, विभागीय मंत्री कुछ और कह रहे हैं. इस मामले को किसी दूसरे नजरिए से देखे जाने की बात भी कह रहे हैं. ऐसे में जिलाधिकारी की जांच के बाद ही साफ हो पाएगा कि आखिर यह पूरा मामला क्या था और क्यों इस पर इतना विवाद हुआ है.

वन मंत्री के बयान से सरकार की किरकिरीःवन मंत्री सुबोध उनियाल एक तरफ मामले की जांच डीएम से कराने की बात कह रहे हैं तो दूसरी तरफ उक्त महिलाओं को विकास विरोधी करार दे दिया. अब अगर महिलाओं को विकास विरोधी ही करार देना था तो डीएम को जांच के आदेश देने का क्या औचित्य है. ये बात ना राजनीतिक और ना सामाजिक संगठनों के गले उतर रही है. वहीं, निर्दलीय विधायक उमेश कुमार ने मामले में मुख्यमंत्री से मुलाकात कर कार्रवाई करने की मांग की है.

Last Updated : Jul 18, 2022, 5:58 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details