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Published : Jul 11, 2020, 10:37 AM IST

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देवाल पशु चिकित्सालय से गायब रहते डॉक्टर साहब, लेकिन रजिस्टर में उपस्थिति दर्ज

सरकारी डॉक्टरों की अस्पताल में लेटलतीफी और गायब रहने की खबरें आम बात है. ऐसा ही कुछ मामला चमोली जनपद के देवाल पशु चिकित्सा केंद्र में देखने को मिला. आरोप है कि यहां पिछले तीन साल में डॉ. सावन पंवार अस्पताल से महीनों गायब रहे, लेकिन रजिस्टर में उनकी उपस्थिति दर्ज रहती है.

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पशु अस्पताल से नदारद डॉक्टर

थराली:देवाल पशु चिकित्सा केंद्र में तैनात डॉ. सावन पंवार लगता है अपनी लापरवाहियों से बाज नहीं आने वाले हैं. आरोप है कि डॉक्टर साहब की मनमानी कुछ ऐसी है कि वह महीने में एक या दो दिन कुछ घंटे के लिए चिकित्सालय पहुंच कर अपनी महीने भर की उपस्थिति रजिस्टर में भर देते हैं. ऐसा पिछले तीन सालों से चल रहा है. लेकिन शुक्रवार को जब देवाल विकास खण्ड के ब्लॉक प्रमुख अचानक निरीक्षण के लिए अस्पताल पहुंचे तो जो जानकारी सामने निकल कर आई वो काफी चौंकाने वाली है. अस्पताल के जिस हाजिरी रजिस्टर में डॉ. साहब पिछले माह की 13 तारीख से लापता थे, अब उन्हीं पन्नो में हाजिरी भरी जा चुकी है. इसकी पुष्टि खुद अस्पताल में तैनात स्टाफ ने भी बातचीत में की है.

पिछले माह की 13 तारीख से डॉ. सावन पंवार लगातार अस्पताल से अनुपस्थित चल रहे थे. जिसकी जानकारी अस्पताल में तैनात कर्मियों ने मीडिया को दी थी. अस्पताल के स्टाफ ने बताया कि सोमवार को डॉ. सावन पंवार देवाल पशु चिकित्सालय पहुंचे और आधे घंटे तक अस्पताल में रहने के बाद अपनी हाजिरी भरने के बाद फिर रफ्फू चक्कर हो गए.

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अब देखना होगा कि डॉक्टर साहब की इस धांधली पर पशुपालन विभाग क्या कार्रवाई करता है. वहीं, जानकारी ये भी सामने निकल कर आई है कि लॉकडाउन अवधि में खुद पशुपालन मंत्री की सिफारिश पर डॉ. सावन पंवार को हरिद्वार अटैच करने के निर्देश दिए जा चुके हैं. अलबत्ता विभागीय मंत्री क्यों ऐसे लापरवाह अधिकारियों पर मेहरबान हैं ये समझ से परे है.

स्थानीय लोगों का कहना है कि पशु चिकित्सक के अक्सर गायब होने के चलते देवाल की जनता को पशुपालन संबंधित किसी भी योजना का लाभ नहीं मिल पाता है. वैश्विक महामारी में बेरोजगारी की मार झेल रहे युवाओं को स्वरोजगार के लिए पशुपालन विभाग से मुर्गी पालन, भेड़ पालन इत्यादि योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है. जिससे जनता में खासा आक्रोश देखने को मिल रहा है.

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