चमोलीः ऋषि गंगा के उद्गम क्षेत्र में ग्लेशियरों में दरारें पड़ने की सूचना पर जायजा लेने गई टीम दो दिन बाद वापस जोशीमठ लौट आई है. टीम ने प्रभावित क्षेत्र की मौखिक जानकारी जिलाधिकारी को दी है. जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया ने बताया कि अभी ग्लेशियर से तात्कालिक कोई खतरा नहीं है. टीम ने ऋषि गंगा के उद्गम में बनी झील का निरीक्षण भी किया है. वहीं, वैज्ञानिकों को ग्लेशियरों में कोई परिवर्तन देखने को नहीं मिला है.
रैणी गांव के ग्रामीणों ने बीते दिनों ऋषि गंगा के उद्गम क्षेत्र में जाकर ग्लेशियरों में दरारें पड़ी होने की सूचना प्रशासन को दी थी. जिस पर जिला प्रशासन ने तत्काल कार्रवाई करते हुए शासन से क्षेत्र के सर्वेक्षण के लिए वैज्ञानिकों की टीम भेजने का आग्रह किया था, जिस पर 29 मई को देहरादून से हेलीकॉप्टर से वैज्ञानिकों की टीम ने भी ग्लेशियर क्षेत्र का हवाई सर्वेक्षण किया था.
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वहीं, उसी दिन जोशीमठ से आईटीबीपी, एसडीआरएफ और सिंचाई विभाग की संयुक्त टीम भी प्रशिक्षु आईएएस डॉ दीपक सैनी के नेतृत्व में ऋषिगंगा के उद्गम स्थल तक गई थी. टीम ने ग्लेशियर क्षेत्र का निरीक्षण किया. जिसमें उन्होंने बताया कि झील में स्थिति सामान्य है.