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शहीद मेला महोत्सव में नदारद रहा प्रशासन, लोगों में आक्रोश - uttrakhand news

प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी वीर सैनिकों की याद में 12 वें शहीद मेले का आयोजन किया गया. लेकिन इस बार मेले में न तो जिलाधिकारी पहुंचे और न ही उपजिलाधिकारी. प्रशासन द्वारा इस अनदेखी पर मेला कमेटी के जनप्रतिनिधियों में काफी रोष है.

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कार्यक्रम में नदारद रहा प्रशासन,नहीं पहुंचे जिला और उपजिलाधिकारी

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Published : Dec 8, 2019, 1:33 PM IST

देवाल : प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी सवाड में वीर सैनिकों की याद में 12 वें शहीद मेले का आयोजन किया गया. दो दिवसीय इस मेले का लगातार 11 वर्षो से उत्तराखंड के मुख्यमंत्री द्वारा उद्घाटन किया जाता रहा है. इस वर्ष मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत विधानसभा सत्र में व्यस्तता के चलते मेले में शिरकत नहीं कर सके, लिहाजा, उपनल के उपाध्यक्ष और दर्जामंत्री सीएम नौटियाल ने शहीद मेले में बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की. इस मौके पर नौटियाल ने शहीद स्मारक पर वीर सैनिकों को श्रद्धांजलि दी.

कार्यक्रम में नदारद रहा प्रशासन.

इस अवसर पर मेले में जनप्रतिनिधियों ने गांव में केंद्रीय विद्यालय खोलने राजकीय इंटर कॉलेज और सवाड़ मोटरमार्ग का चौड़ीकरण करने के लिए दर्जामंत्री नौटियाल को ज्ञापन सौंपा. इस दौरान उनके साथ थराली नगर पंचायत अध्यक्ष दीपा भारती, नंदप्रयाग नगर पंचायत अध्यक्ष हिमानी वैष्णव, जिला पंचायत सदस्य सवाड़ आशा धपोला और थराली विधायक मुन्नीदेवी शाह के सुपुत्र गणेश लाल शाह भी मौजूद रहे. वीर भूमि के नाम मशहूर सवाड़ गांव के वीर सैनिकों ने स्वतंत्रता संग्राम से लेकर प्रथम विश्व युद्ध, द्वितीय विश्वयुद्ध, पेशावर कांड ऑपरेशन ब्ल्यू स्टार, और बांग्लादेश युद्ध में अपने अदम्य साहस से देश का मान बढ़ाया है.

वहीं, जिला पंचायत सदस्य सवाड़ आशा धपोला ने इस शहीद मेले में को जिला प्रशासन को आड़े हाथों लिया है. उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन इस आयोजन को लेकर गंभीर नहीं दिखा. क्योंकि इस मेले में न तो जिलाधिकारी पहुंचे और न ही उपजिलाधिकारी ऐसे में स्थानीय लोगों में आक्रोश व्याप्त हैं.

इस बाबत मेला कमेटी के अध्यक्ष इंद्र सिंह बिहारी ने कहा कि वीर सैनिकों की स्मृति में इस बार 12 वें शहीद मेले का आयोजन किया गया है. उन्होंने कहा कि इस गांव के वीर सपूतों ने प्रथम विश्वयुद्ध से लेकर पेशावर कांड में भाग लिया, लेकिन अभी भी इस गांव में बुनियादी सुविधाओं का अभाव है.

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बता दें कि दर्जामंत्री सीएम नौटियाल भी जिले और तहसील से बड़े अधिकारियों के न पहुंचने पर दुख प्रकट करते हुए कहा कि इसकी शिकायत वे स्वयं मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत से करेंगे.

आखिर क्यों मनाते है ये महोत्सव

गौर हो कि वीरों की इस भूमि से 18 स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, प्रथम विश्वयुद्ध में 22, द्वितीय विश्व युद्ध में 38, पेशावर कांड में 14, बांग्लादेश युद्ध में 1, ऑपरेशन ब्ल्यू स्टार में 1 सैनिकों ने अपने अदम्य साहस का परिचय दिया था. इन्हीं पूर्व सैनिकों और स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों को हर वर्ष श्रद्धा सुमन अर्पित करने के लिए 7 दिसम्बर को सशस्त्र झंडा दिवस के अवसर पर शहीद मेले का आयोजन किया जाता है.

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वहीं, दर्जामंत्री सीएम नौटियाल से मेले के शुभारंभ पर थाईलैंड में अंतरराष्ट्रीय बैडमिंटन प्रतियोगिता में द्वितीय स्थान प्राप्त करने वाली बालिका कल्पना मेहरा ,1971 बांग्लादेश युद्ध और 1965 में पाकिस्तान युद्ध में अपने अदम्य साहस का परिचय देने वाले हवलदार प्रताप सिंह को भी सम्मानित किया गया.

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