चमोलीःजिला सभागार में जिला पंचायत की त्रैमासिक बैठक आयोजित की गई. इस दौरान बैठक में अशासकीय विद्यालयों में नियुक्ति पर हुई धांधली को लेकर जमकर हंगामा हुआ. सदस्यों ने नियुक्ति प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए कहा कि शिक्षा विभाग के कर्मचारियों ने अपने चहेतों को नियुक्ति दी है. वहीं, बैठक में मामला सार्वजनिक होने के बाद सीडीओ ने जांच कमेटी गठित की है.
दरअसल, जिला पंचायत की त्रैमासिक बैठक में अशासकीय विद्यालयों में नियुक्ति को लेकर शिक्षा विभाग के अधिकारी सवालों के घेरे में हैं. मंगलवार को जिला पंचायत की बैठक में शिक्षा विभाग पर चर्चा के दौरान अशासकीय विद्यालयों में हुई शिक्षकों की तैनाती को लेकर नियमों को नजरअंदाज करने पर जमकर हंगामा हुआ. सदस्यों ने नियुक्ति प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए कहा कि कई सीटों पर मुख्य शिक्षा अधिकारी और शिक्षा विभाग में तैनात अधिकारी और अन्य कर्मचारियों के पाल्यों को तैनाती दी है.
जिला पंचायत सदस्य प्रदीप बुटोला ने सदन को अवगत कराते हुए बताया कि जिले में सलूड, डूंगरा और चेपड़ों अशासकीय इंटर कॉलेज में 13 पदों के लिए शिक्षकों की नियुक्तियां हुई थी. जिसमें प्रवक्ता और एलटी पद पर हुई नियुक्तियों में नियमों को नजरअंदाज किया गया है. उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग के कर्मचारियों ने शिक्षा विभाग से जुड़े अन्य लोगों के पाल्यों को नियुक्ति देने के लिए वरिष्ठताक्रम को नजरअंदाज किया है.
जिला पंचायत की त्रैमासिक बैठक में हंगामा.
बैठक में मुख्य शिक्षा अधिकारी ललित मोहन चमोला ने कहा कि नियुक्ति प्रक्रिया में शासन के नियमों का पालन किया गया है. इस जवाब से सदस्य संतुष्ट नहीं हुए और जमकर हंगामा किया. हंगामा बढ़ता देख जिला पंचायत उपाध्यक्ष लखपत बुटोला ने मामले को गंभीर बताते हुए जांच करने की बात कही.
वहीं, मुख्य विकास अधिकारी (सीडीओ) हंसादत्त पांडे का कहना है कि सदन में कुछ सदस्यों ने अशासकीय विद्यालयों में नियुक्ति को लेकर गंभीर आरोप लगाये हैं. इसके लिए जांच कमेटी बनाकर जांच के आदेश दिए गये हैं.