चमोलीः सिखों के पवित्र तीर्थ स्थल हेमकुंड साहिब के कपाट खुल चुके हैं. सैकड़ों श्रद्धालु गुरुद्वारा श्री हेमकुंड साहिब पहुंचकर मत्था टेक रहे हैं. इन सबके बीच हेमकुंड साहिब से कुछ ऐसी तस्वीरें भी सामने आई है. जहां चारों ओर बर्फ ही बर्फ नजर आ रही है, बावजूद इसके श्रद्धालुओं में अलग ही आस्था और हौसला देखने को मिल रहा है. श्रद्धालु घांघरिया से बर्फ से ढके आस्था पथ से हेमकुंड साहिब पहुंच रहे हैं.
22 मई को खुले थे हेमकुंड साहिब के कपाट:बता दें कि बीती 22 मई को हेमकुंड साहिब के कपाट खुले थे. इस बार सरकार और गुरुद्वारा श्री हेमकुंड साहिब मैनेजमेंट ट्रस्ट ने हेमकुंड साहिब में श्रद्धालुओं की संख्या भी निर्धारित की है. ऐसे में इस बार एक दिन में 5000 श्रद्धालुओं को ही हेमकुंड साहिब में मत्था टेकने की अनुमति दी जा रही है.
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हेमकुंड यात्रा रजिस्ट्रेशन: हेमकुंड साहिब यात्रा पर आने वाले सभी यात्रियों को ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरह से अपना रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं. रजिस्ट्रेशन सभी के लिए अनिवार्य होगा. इसके लिए उत्तराखंड पर्यटन की वेबसाइट पर जाकर अपना रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं. श्रद्धालुओं को पर्यटन विभाग की वेबसाइट registrationandtouristcare.uk.gov.in के जरिए पंजीकरण कराना होगा.
श्रद्धालु मोबाइल एप्लीकेशन Tourist Care Uttarakhand के जरिए भी रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं. अगर कोई यात्री किसी भी वजह से अपना ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन (Hemkund Sahib registration) नहीं करवा सकते, वो हेमकुंड गुरुद्वारा ऋषिकेश में उपस्थित होकर अपना ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन बिना किसी परेशानी के करवा सकते हैं.
गौर हो कि हेमकुंड साहिब में सिखों के दसवें और अंतिम गुरु, गुरु गोविंद सिंह ने तपस्या की थी. हेमकुंड साहिब विश्वभर में सबसे ऊंचाई पर स्थित गुरुद्वारा है, जो समुद्र तल से 15,225 फीट की ऊंचाई पर स्थित है. इस पावन स्थल के पास हिंदू धर्म का भी एक प्रमुख मंदिर है, जो हेमकुंड साहिब की बर्फिली वादियों व हेमकुंड झील के तट पर बसा लक्ष्मण मंदिर है, जो लोकपाल मंदिर के नाम से भी जाना जाता है.