उत्तराखंड

uttarakhand

ETV Bharat / state

आस्था! बर्फ से ढके रास्तों से हेमकुंड साहिब पहुंच रहे श्रद्धालु, देखें वीडियो

सिखों के दसवें गुरु गोविंद सिंह की पवित्र तपोस्थली हेमकुंड साहिब के कपाट खुल चुके हैं. ऐसे में श्रद्धालु घांघरिया से बर्फ से ढके रास्तों से होकर हेमकुंड साहिब पहुंच रहे हैं. जिसकी तस्वीरें सामने आई है.

Hemkund Sahib Yatra 2022
हेमकुंड में बर्फबारी

By

Published : May 25, 2022, 4:07 PM IST

Updated : May 25, 2022, 4:23 PM IST

चमोलीः सिखों के पवित्र तीर्थ स्‍थल हेमकुंड साहिब के कपाट खुल चुके हैं. सैकड़ों श्रद्धालु गुरुद्वारा श्री हेमकुंड साहिब पहुंचकर मत्था टेक रहे हैं. इन सबके बीच हेमकुंड साहिब से कुछ ऐसी तस्वीरें भी सामने आई है. जहां चारों ओर बर्फ ही बर्फ नजर आ रही है, बावजूद इसके श्रद्धालुओं में अलग ही आस्था और हौसला देखने को मिल रहा है. श्रद्धालु घांघरिया से बर्फ से ढके आस्था पथ से हेमकुंड साहिब पहुंच रहे हैं.

22 मई को खुले थे हेमकुंड साहिब के कपाट:बता दें कि बीती 22 मई को हेमकुंड साहिब के कपाट खुले थे. इस बार सरकार और गुरुद्वारा श्री हेमकुंड साहिब मैनेजमेंट ट्रस्ट ने हेमकुंड साहिब में श्रद्धालुओं की संख्या भी निर्धारित की है. ऐसे में इस बार एक दिन में 5000 श्रद्धालुओं को ही हेमकुंड साहिब में मत्था टेकने की अनुमति दी जा रही है.

बर्फ से ढके रास्तों से हेमकुंड साहिब पहुंच रहे श्रद्धालु.

ये भी पढ़ेंःहेमकुंड साहिब और लक्ष्मण मंदिर के खुले कपाट, श्रद्धालुओं ने पवित्र सरोवर में लगाई डुबकी

हेमकुंड यात्रा रजिस्ट्रेशन: हेमकुंड साहिब यात्रा पर आने वाले सभी यात्रियों को ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरह से अपना रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं. रजिस्ट्रेशन सभी के लिए अनिवार्य होगा. इसके लिए उत्तराखंड पर्यटन की वेबसाइट पर जाकर अपना रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं. श्रद्धालुओं को पर्यटन विभाग की वेबसाइट registrationandtouristcare.uk.gov.in के जरिए पंजीकरण कराना होगा.

श्रद्धालु मोबाइल एप्लीकेशन Tourist Care Uttarakhand के जरिए भी रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं. अगर कोई यात्री किसी भी वजह से अपना ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन (Hemkund Sahib registration) नहीं करवा सकते, वो हेमकुंड गुरुद्वारा ऋषिकेश में उपस्थित होकर अपना ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन बिना किसी परेशानी के करवा सकते हैं.

गौर हो कि हेमकुंड साहिब में सिखों के दसवें और अंतिम गुरु, गुरु गोविंद सिंह ने तपस्या की थी. हेमकुंड साहिब विश्वभर में सबसे ऊंचाई पर स्थित गुरुद्वारा है, जो समुद्र तल से 15,225 फीट की ऊंचाई पर स्थित है. इस पावन स्थल के पास हिंदू धर्म का भी एक प्रमुख मंदिर है, जो हेमकुंड साहिब की बर्फिली वादियों व हेमकुंड झील के तट पर बसा लक्ष्मण मंदिर है, जो लोकपाल मंदिर के नाम से भी जाना जाता है.

ये भी पढ़ेंःहेमकुंड साहिब में भी पहुंची 4G इंटरनेट सेवा, Jio ने पहुंचाई फाइबर

हेमकुंड का नाम कैसे पड़ा?हेमकुंड संस्कृत शब्द है. इसका मतलब होता है बर्फ का कुंड. यही वजह है कि इसका नाम हेमकुंड पड़ा. हेमकुंड में झील के किनारे सिखों का प्रसिद्ध गुरुद्वारा है. बर्फ की ऊंची-ऊंची चोटियों से घिरे होने की वजह से यहां का वातावरण बेहद शांत है. यहां साल में 7-8 महीने बर्फ जमी रहती है.

हिमालय की गोद में बसे हेमकुंड साहिब में हर साल लाखों श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं. हेमकुंड साहिब चारों ओर से पत्थरीले पहाड़ और बर्फ से ढकी चोटियों के बीच बसा है. यहां का सफर काफी मुश्किल है. हेमकुंड साहिब जाने के लिए श्रद्धालुओं को बर्फीले रास्ते से होकर जाना पड़ता है.

हेमकुंड जाने के लिए ऋषिकेश बदरीनाथ हाईवे से गोविंद घाट जाना होगा. यहां जाने के लिए श्रद्धालुओं को पांडुकेश्वर से दो किलोमीटर पहले गोविंद घाट में उतरना पड़ेगा. गोविंद घाट से करीब 20 किलोमीटर से ज्यादा पैदल यात्रा करनी पड़ती है. गोविंद घाट अलकनंदा नदी के किनारे स्थित है. गोविंदघाट से ऊपर को खड़ी चढ़ाई पड़ती है.

ये भी पढ़ेंःहेमकुंड साहिब को देखा तो अचंभित रह गए मुंबई के समीर और स्नेहा, आप भी देखिए वीडियो

गोविंदघाट पहुंचने के लिए श्रद्धालुओं को झूलते हुए ब्रिज के जरिए अलकनंदा नदी पार करनी होगी. यहां से आगे पुलना गांव आता है. इसके बाद की चढ़ाई और मुश्किल हो जाती है. क्योंकि रास्ता बहुत पथरीला है. इसके बाद घांघरिया बेस कैंप आता है. यहां से हेमकुंड साहिब की दूरी करीब 7 किलोमीटर है.

Last Updated : May 25, 2022, 4:23 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details