बदरीनाथ: अब बदरीनाथ धाम में मंदिर की नाम पट्टिका दूर से ही नजर आ रही है. राजस्थान के एक दानदाता ने बदरीनाथ मंदिर के नाम की पट्टिका लगवाई है. इस नाम पट्टिका से बदरीनाथ मंदिर की छवि और निखर गई है. बदरी केदार मंदिर समिति ने राजस्थान के दानदाता कैलाश कुमार को बदरीनाथ मंदिर की नाम पट्टिका के लिए धन्यवाद कहा है.
बदरीनाथ मंदिर की पट्टिका दूर से दिखाई दे रही है. बदरीनाथ मंदिर की नाम पट्टिका लगी: विश्व प्रसिद्ध श्री बदरीनाथ धाम की महिमा का वर्णन वेद पुराणों में तो वर्णित है ही, साथ ही देश के चार धामों में मोक्ष धाम के रूप में भी ये विख्यात है. सारा बदरी क्षेत्र ईश्वरमय है, किंतु जिस भूभाग में मंदिर स्थित है उसका अपना महत्व है. श्री बदरीनाथ- केदारनाथ मंदिर समिति के मीडिया प्रभारी डॉ हरीश गौड़ ने बताया कि अभी तक श्री बदरीनाथ मंदिर के समीप जगह- जगह मंदिर के छोटे बोर्ड लगे थे. वह बोर्ड दूर से नहीं दिखाई देते थे. भगवान के नाम की नाम पट्टिका लगने से श्रद्धालुजन दूर से दिन तथा रात भगवान बदरीविशाल के मंदिर का नाम देख पा रहे हैं.
अभी तक छोटे साइन बोर्ड लगे थे. राजस्थान के श्रद्धालु ने लगवाई बदरीनाथ मंदिर की पट्टिका: उल्लेखनीय है कि कैलाश कुमार सुमेरपुर (पाली) राजस्थान के निवासी हैं. वहां उनकी लेजर फ्लैक्स, कार्ड बोर्ड, लिखाई की चार भुजा ईएनसी के नाम से फर्म है.
कैलाश कुमार भगवान बदरीनाथ के भक्त हैं. वो चाहते थे कि बदरीनाथ मंदिर का बड़ा सा नाम का बोर्ड हो. इसे लेकर उन्होंने मंदिर समिति के लोगों से मुलाकात की. बीकेटीसी उपाध्यक्ष किशोर पंवार से इस बाबत उनकी वार्ता हुई. कैलाश का कहना है कि उनका सहयोग भी मिला.
राजस्थान के कैलाश ने लगवाई बदरीनाथ मंदिर में नाम की पट्टिका पांच लाख रुपए में बनी बदरीनाथ मंदिर की पट्टिका: श्री बदरीनाथ मंदिर की नाम पट्टिका राजस्थान में बनकर तैयार हुई. राजस्थान से बदरीनाथ लाकर नाम के बोर्ड को स्थापित किया गया. कैलाश ने बताया कि मंदिर अधिकारी राजेंद्र चौहान ने इस कार्य के लिए उन्हें प्रेरणा दी. भगवान के नाम के इस सेवा कार्य पर उन्होंने स्वेच्छा से साढ़े पांच लाख रुपये खर्च किये. इससे उन्हें अपार खुशी हो रही है.
मंदिर समिति ने जताई खुशी: बदरीनाथ मंदिर की नाम पट्टिका स्थापित करने पर मंदिर समिति ने खुशी जताई है. इस अवसर पर रावल ईश्वर प्रसाद नंबूदरी, बीकेटीसी उपाध्यक्ष किशोर पंवार, मुख्य कार्याधिकारी योगेन्द्र सिंह, प्रभारी अधिकारी अनिल ध्यानी, धर्माधिकारी राधाकृष्ण थपलियाल, सहायक अभियंता गिरीश देवली, मंदिर अधिकारी राजेंद्र चौहान, राजेंद्र सेमवाल, मीडिया प्रभारी डॉ हरीश गौड़ और अजीत भंडारी मौजूद रहे.
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