जोशीमठ:उत्तराखंड के ऐतिहासिक नगर जोशीमठ (Joshimath historical city of Uttarakhand) में पिछले एक साल से भू धसाव (Landslide in Joshimath) हो रहा है. जिसके चलते जोशीमठ नगर पर खतरा मंडरा रहा है. जोशीमठ में भू धसाव के कारण जगह जगह मकानों में बड़ी बड़ी दरारें पड़ने लगी हैं. जिसके कारण लोगों की मुश्किलें बढ़ गई हैं. कई घर रहने लायक ही नहीं बचे हैं. कई नए घरों को लोगों ने ताला लगाने के बाद छोड़ दिया है. यहां के रहवासी जोशीमठ छोड़कर सुरक्षित स्थानों के लिए निकल गये हैं. वहीं, अभी भी कुछ लोग ऐसे हैं जो दरार से क्षतिग्रस्त घरों के अंदर खौफ के साए में जीने को मजबूर हैं.
जोशीमठ नगर के निचले भाग से लेकर शीर्ष भाग तक कई घरों में दरारें आ चुकी हैं. जोशीमठ में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सहित नरसिंह मंदिर की दीवार समेत कई घरों में दरारें आ चुकी हैं. जोशीमठ के एटी नाले के पास मनोहर बाग वॉर्ड, रविग्राम, सुनील गांव में लोगों के मकानों पर घर के चारों और बड़ी बड़ी दरार आ गईं है. जिसमें कई भवन रहने लायक ही नहीं बचे हैं. उतरा पांडे, चंद्र बल्लभ पांडे, फूंती देवी, मदन कपरवाण, भगवती कपरवांण, रुद्र सिंह राणा सहित कई अन्य मकान रहने लायक नहीं हैं.
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भूगर्भ ज्ञाताओं की मानें तो जोशीमठ नगर के निचले भाग में अलकनंदा नदी से लगातार हो रहे कटान के कारण ये परेशानी बढ़ी है. इसके साथ ही जोशीमठ नगर में भवनों के ड्रैनेज सिस्टम पर दबाव बढ़ने और जल विधुत परियोजना की टनल भी भू धसाव का प्रमुख कारण रहा है. जिससे जोशीमठ को खतरा उत्त्पन्न हो गया है. दो बार भू वैज्ञानिकों की टीम जोशीमठ का सर्वेक्षण कर चुकी है. सर्वेक्षण की रिपोर्ट शासन को भी सौंप दी गई है.