कर्णप्रयाग:सीपीआई (एमल) के कर्णप्रयाग सीट से प्रत्याशी इंद्रेश मैखुरी सीमित संसाधनों में भी अपना प्रचार जोर-शोर से कर रहे हैं. इंद्रेश ने कर्णप्रयाग विधानसभा सीट के कई स्थानों पर प्रचार किया. इनमें कर्णप्रयाग, गैरसैंण, कांडई पुल और सिमली में उन्हें लोगों का अपार जन समर्थन मिला. इंद्रेश मैखुरी जन समस्याओं के हर मुद्दे पर लोगों की आवाज बनते रहे हैं. अब तक इंद्रेश 100 से अधिक जन आंदोलनों को अपने संघर्ष से उनकी परिणति तक पहुंचा चुके हैं.
ईटीवी भारत को इंद्रेश मैखुरी ने बताया कि उत्तराखंड में सड़क, स्वास्थ्य जैसी सुविधाओं का अभाव है. रोजगार सृजन के कोई इंतजाम नहीं हैं. खेल प्रतिभाएं तो हैं पर उनको उचित मंच नहीं है. सुविधाओं का अभाव है. हमारी लड़ाई इसी असमानता को दूर करने को लेकर है. उन्होंने कहा कि वो चुनाव जीतते हैं तो विधानसभा में इन मुद्दों की गूंज सबको सुनाई देगी.
प्रत्याशी इंद्रेश मैखुरी ने किया प्रचार. रोजगार, ठेका प्रथा के बजाय स्थायी एवं नियमित नियुक्ति पर इंद्रेश मैखुरी ने जोर दिया. उन्होंने कहा कि आशा आंगनबाड़ी, भोजनमाताओं समेत सभी स्कीम वर्कर्स को राज्य कर्मचारी का दर्जा मिलना चाहिए. सभी जगह श्रम कानूनों का कड़ाई से अनुपालन होना चाहिए. कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन स्कीम का इंद्रेश मैखुरी ने समर्थन किया.
इंद्रेश मैखुरी स्वास्थ्य और शिक्षा के मुद्दों पर लंबे समय से संघर्ष करते रहे हैं. उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य व्यवस्था को दुरुस्त किया जाये और अस्पताल मात्र रेफर सेंटर ना बन कर उपचार के केंद्र बनें. कर्णप्रयाग से सीपीआई (एमल) प्रत्याशी इंद्रेश मैखुरी ने कहा कि पलायन से खाली होते पर्वतीय गांवों में स्वास्थ्य, शिक्षा जैसी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कारवाई जाएं और रोजगार सृजन के ठोस उपाय हों.
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इंद्रेश मैखुरी ने बताया कि आम दिनों में भी वो कई किलोमीटर पैदल चलकर आम जन की समस्याओं को सुनते थे. चुनाव प्रचार के दौरान इस प्रक्रिया में इजाफा हुआ है. उन्होंने बताया कि चुनाव प्रचार के सिलसिले में पिछले करीब डेढ़ महीने में वो सैकड़ों किलोमीटर पैदल नाप चुके हैं. कर्णप्रयाग विधानसभा क्षेत्र के एक-एक गांव और गली को उन्होंने भली-भांति देखा है. ज्यादा से ज्यादा लोगों से जनसंपर्क किया है. लोगों से भी उन्हें अच्छा रेस्पांस मिला है. इंद्रेश मैखुरी को उम्मीद है कि इस बार कर्णप्रयाग विधानसभा सीट की जनता सत्ता की चमक-दमक और पैसों की खनक वाले उम्मीदवारों की बजाय जनता के दुख-दर्द में शामिल होने वाले प्रत्याशी को विधानसभा भेजेगी.