देहरादून/चमोली/लक्सर:अग्निपथ योजना को लेकर बुलाए गए भारत बंद का असर उत्तराखंड में भी दिखा. चमोली के जिला मुख्यालय गोपेश्वर में सीएम पुष्कर सिंह धामी का कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने काले झंडे दिखाकर विरोध किया. हालांकि, कार्यक्रम स्थल से कुछ दूरी पर ही पुलिस ने प्रदर्शन कर रहे कांग्रेसी कार्यकर्ताओं को हिरासत में ले लिया. सीएम का दौरा संपन्न होने के बाद ही प्रदर्शनकारियों को रिहा किया गया.
चमोली के जिला मुख्यालय गोपेश्वर स्थित बस स्टैंड पर मुख्यमंत्री के दौरे से पहले कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने अग्निपथ योजना के विरोध में गोपेश्वर बाजार में रैली निकाली और नारेबाजी करते हुए केंद्र सरकार का पुतला भी फूंका, जिसके बाद मुख्यमंत्री को काले झंडे दिखाते हुए कार्यक्रम स्थल की ओर बढ़े. इस दौरान पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को कार्यक्रम स्थल से पहले ही हिरासत में ले लिया.
उत्तराखंड में गर्माया माहौल. देहरादून में युवाओं का सचिवालय कूच:अग्निपथ योजना के विरोध में कुछ युवा पहले परेड ग्राउंड में एकत्रित हुए. उसके बाद पैदल मार्च निकालते हुए लैंसडाउन चौक पहुंचे, जहां युवाओं ने पुशअप मारकर इस योजना का विरोध जताया. उसके बाद प्रदर्शनकारी लैंसडाउन चौक से सचिवालय कूच करने निकले, जहां पहले से ही मौजूद भारी पुलिस बल ने प्रदर्शनकारियों को सचिवालय से पहले ही बैरिकेडिंग लगाकर रोक दिया. इसके बाद प्रदर्शनकारी सड़क पर ही धरने पर बैठ गए और अपनी मांगों को लेकर नारेबाजी करते रहे.
पढ़ें- Agnipath Protest: उत्तराखंड में भारत बंद बेअसर, दो ट्रेनें कैंसिल, बंद समर्थक ही सड़कों से 'गायब'
नॉनस्टॉप वॉल्वो बसें फंसीं:अग्निपथ योजना के विरोध में मेरठ दिल्ली एक्सप्रेस वे पर युवाओं के जाम लगाने से उत्तराखंड रोडवेज की नॉन स्टॉप वॉल्वो बसें फंस गईं. चालकों ने डिपो एजीएम को फोन कर इसकी सूचना दी. एजीएम ने आदेश दिये हैं कि बसें सुरक्षित स्थान पर लगाई जाएं और उपद्रव की स्थिति में जबरन बस संचालन ना किया जाए.
नारसन क्षेत्र में पुलिस ने निकाला मार्च:रुड़की नारसन क्षेत्र में युवाओं के अग्निपथ के विरोध में प्रदर्शन को लेकर पुलिस और प्रशासन पूरी तरह से अलर्ट रहा. नारसन चौकी से लेकर मंगलौर गुड़ मंडी पर पुलिस का कड़ा पहरा रहा. पुलिस ने नारसन क्षेत्र के कई गांवों में फ्लैग मार्च निकालकर प्रदर्शन न करने की चेतावनी दी. पुलिस की सख्ती के बाद युवाओं ने कोई प्रदर्शन और बैठक नहीं की.
टनकपुर में युवाओं का प्रदर्शन:अग्निपथ योजना के विरोध में पुलिस की इजाजत के बिना टनकपुर में युवाओं ने प्रदर्शन किया. उधर, योगनगरी ऋषिकेश रेलवे स्टेशन पर चप्पे-चप्पे पर आरपीएफ (रेलवे पुलिस फोर्स) और जीआरपी (राजकीय रेलवे पुलिस) के जवानों को तैनात कर दिया गया है. रुड़की में मंडल सुरक्षा आयुक्त मनोज कुमार ने बताया कि थानाध्यक्षों को अलर्ट कर दिया गया है. रुड़की रेलवे स्टेशन पर सुरक्षा के लिहाज से पुलिस बल तैनात कर दिया गया है.
देहरादून में यूकेडी ने सौंपा ज्ञापन:अग्निपथ योजना के विरोध में उत्तराखंड क्रांति दल (UKD) ने एसडीएम कार्यालय में ज्ञापन सौंपा. प्रधानमंत्री को संबोधित ज्ञापन में उत्तराखंड क्रांति दल कार्यकर्ताओं ने अग्निपथ योजना को वापस लिए जाने की मांग की. इस मौके पर यूकेडी कार्यकर्ताओं ने कहा कि केंद्र सरकार की अग्निपथ योजना ना तो देश के नौजवानों के हित में है और ना ही देश की सुरक्षा के हित में.
पढ़ें- 'अग्निपथ' विरोध के बीच CM का पूर्व सैनिकों से सीधा संवाद, 'देश के युवा को किया जा रहा गुमराह'
लक्सर में फर्जी वीडियो वायरल:भारत बंद को लेकर लक्सर रेलवे स्टेशन पर सुरक्षा चाक-चौबंद रही लेकिन इस बीच किसी अज्ञात व्यक्ति ने सोशल मीडिया पर लक्सर रेलवे स्टेशन का एक फर्जी वीडियो वायरल कर दिया. वीडियो में देखा जा रहा है कि कुछ लोग रेलवे लाइन बैठे हैं, जिसको लेकर पुलिस अज्ञात की तलाश शुरू कर दी है. लक्सर जीआरपी थाना प्रभारी प्रदीप राठौड़ ने बताया कि वीडियो फर्जी है और युवक की तलाश की जा रही है.
डीजीपी ने जिला प्रभारियों को किया सतर्क:प्रदेशभर के रेलवे स्टेशन, बस अड्डों समेत अन्य संवेदनशील स्थानों की सुरक्षा बढ़ा दी गई है. पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने सभी जिलों के प्रभारियों को सजग रहने के निर्देश जारी किए हैं. सोशल मीडिया पर एक पोस्ट तेजी से प्रसारित हुआ. पोस्टर में भारत बंद, बायकाट अग्निपथ और युवाओं से दिल्ली पहुंचने की अपील की गई थी. पोस्ट को देखते हुए सभी जिलों को सतर्क कर दिया गया है. हालांकि, बंद का आह्वान किसी संगठन या दल की ओर से नहीं किया गया है.
देहरादून एसएसपी जन्मेजय खंडूड़ी ने बताया कि भारत बंद की पोस्ट और राजनीतिक दलों के प्रदर्शन को देखते हुए नगर को 10 जोन और 21 सेक्टर में बांटा गया है. सभी संवेदनशील स्थानों पर पुलिस बल की तैनाती की गई है. सभी मार्गों पर पेट्रोलिंग की जा रही है.
पढ़ें-बेरोजगार डिप्लोमा छात्रों ने दून में किया प्रदर्शन, मांगों को लेकर CM आवास किया कूच
अग्निपथ योजना का विरोध:युवाओं का कहना है कि इस योजना से उन्हें नुकसान है. कई युवा सालों से सेना भर्ती की तैयारी रहे हैं. 4 साल की नौकरी में उन्हें कोई फायदा नहीं है. कुछ युवाओं का कहना है कि दो वर्ष पूर्व उन्होंने शारीरिक दक्षता और मेडिकल टेस्ट पास किया था. उसकी लिखित परीक्षा होनी थी, पर अभी तक नहीं हुई है.
युवाओं का कहना है कि अग्निपथ योजना रोजगार नहीं युवाओं को बहला-फुसलाकर बेरोजगार करने की स्कीम है. अगर सरकार रोजगार देना चाहती है तो सेना में तमाम खाली पड़े पदों को स्थाई तौर पर भरा जाए. युवाओं ने अग्निपथ योजना को वापस लेने और पूर्व में हुई भर्ती प्रक्रिया की लिखित परीक्षा कराने की मांग की है.
युवाओं ने कहा कि उत्तराखंड सैन्यभूमि है. यहां का हर युवा देशसेवा के लिए हमेशा तत्पर रहता है लेकिन केंद्र सरकार के सशस्त्र बलों में टूर ऑफ ड्यूटी को लागू करने से प्रदेश के युवाओं को भारी आघात पहुंचा है. पहाड़ के युवाओं के लिए सेना में जाना अपने सुरक्षित भविष्य को सुनिश्चित करना माना जाता है. इसलिए अधिकतर युवा बचपन से ही सेना में जाने की तैयारियों में जुट जाते हैं. लेकिन अब सेना में चार साल की सेवा तय करने से प्रदेश के युवाओं में भारी रोष है.