चमोलीःबीजेपी प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद पहली बार महेंद्र भट्ट अपने गृह जनपद चमोली पहुंचे. जहां उनका बीजेपी कार्यकर्ताओं ने ढोल नगाड़ों और फूल मालाओं से जोरदार स्वागत किया. इस दौरान युवा मोर्चा ने प्रदेश अध्यक्ष के स्वागत में बाइक रैली भी निकाली. वहीं, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट को विरोध भी झेलना पड़ा. कांग्रेसियों ने उन्हें झंडे दिखाए.
चमोली जिले के दौरे पर पहुंचे बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने जिला मुख्यालय गोपेश्वर, जोशीमठ, बदरीनाथ, गौचर, कर्णप्रयाग समेत विभिन्न स्थानों पर संगठन की मजबूती को लेकर कार्यकर्ताओं में उत्साह (Mahendra Bhatt reached Chamoli) जगाया. इस दौरान उन्होंने कहा कि बीजेपी सीमांत जनपद चमोली को लेकर हमेशा संवेदनशील रही है. यही कारण है कि उन्होंने सीमांत जिले के उनके जैसे आम कार्यकर्ता को प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी है. आगामी लोकसभा चुनाव 2024 तक कांग्रेस से कार्यकर्ता या विधायक जो भी बीजेपी में शामिल होना चाहते हैं, वो सभी का स्वागत करेंगे और बीजेपी को मजबूत करने के लिए हर संभव कोशिश करेंगे.
BJP प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट का चमोली दौरा. भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कानून बनाएगी सरकारःउत्तराखंड में नियुक्तियों में भ्रष्टाचार (UKSSSC Paper Leak) पर महेंद्र भट्ट ने कहा कि जब से प्रदेश बना भ्रष्टाचार (Assembly Recruitment Scam) को लेकर सवाल उठते रहे हैं, लेकिन कभी भी भ्रष्टाचार में लिप्त किसी व्यक्ति को सजा नहीं हुई. वर्तमान में बीजेपी सरकार और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देशानुसार अब तक 2 दर्जन से ज्यादा लोग गिरफ्तार कर लिए गए हैं. बीजेपी सरकार प्रदेश में भ्रष्टाचारियों के खिलाफ ऐसे सख्त कानून बनाएगी कि उत्तराखंड में भविष्य में कोई भी व्यक्ति भ्रष्टाचार को लेकर इस तरह की करतूत नहीं कर पाएगा.
गोपेश्वर में महेंद्र भट्ट का विरोध. ये भी पढ़ेंः'घोटालों की जननी कांग्रेस, बहा रही घड़ियाली आंसू', नियुक्तियों में धांधली पर बोले महेंद्र भट्ट
गोपेश्वर में महेंद्र भट्ट का विरोध, कांग्रेसियों ने दिखाए काले झंडेःसरकारी नौकरियों में धांधली को लेकर कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने काले झंडे दिखाकर महेंद्र भट्ट का विरोध (Congress show black flags to Mahendra Bhatt) किया. गोपेश्वर कांग्रेस नगर अध्यक्ष योग्रेंद्र बिष्ट ने कहा कि बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट के भाई, मुख्यमंत्री धामी के आएसडी, पीआरओ समेत तमाम उनके रिश्तेदारों की बैकडोर से भर्ती की गई है. जबतक सरकार सीबीआई जांच नहीं करती है, तब तक कांग्रेस कार्यकर्ता सड़कों पर उतरकर बीजेपी नेताओं का विरोध करते रहेंगे.