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खनन कारोबारियों ने जंगल से गुजार दी पोकलैंड मशीन, कांग्रेसियों ने किया जोरदार विरोध-प्रदर्शन

बदरीनाथ वन प्रभाग की ओर से जंगल के बीच से पोकलैंड मशीन ले जाने की अनुमति दी गई है. जिस पर कांग्रेसियों और ग्रामीणों का कहना है कि जिले में कई सड़कें वन स्वीकृति को लेकर लंबित है, लेकिन यहां खनन माफिया को फायदा पहुंचाने के लिए वन संपदा की बलि चढ़ा दी गई है.

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Published : Sep 29, 2020, 9:02 PM IST

चमोलीःवन विभाग की ओर से खनन माफियाओं को हरे-भरे जंगलों के बीच से पोकलैंड मशीन ले जाने के लिए अनुमति देने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. इसी कड़ी में मामले को लेकर कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने बदरीनाथ वन प्रभाग के प्रभागीय वनाधिकारी के कार्यालय पर धरना प्रदर्शन किया. साथ ही प्रभागीय वनाधिकारी आशुतोष सिंह के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की.

वन विभाग के खिलाफ प्रदर्शन.

जानकारी के मुताबिक, दशोली विकासखंड के निजमुला घाटी स्थित तड़ागताल क्षेत्र में खड़िया खनन का पट्टा स्वीकृत है. सड़क मार्ग से जिस स्थान पर पट्टा स्वीकृत है, उस स्थान की दूरी करीब 7 किलोमीटर है, जहां का पैदल रास्ता जंगलों के बीच से होकर गुजरता है. ग्रामीणों का आरोप है कि बदरीनाथ वन प्रभाग की ओर से नियमों को ताक में रखकर खनन कारोबारियों को जंगल के बीच से पोकलैंड मशीन ले जाने की अनुमति दी गई है. जिससे काफी पेड़ समेत वन संपदा को नुकसान पहुंचा है. जिसे देखते हुए ग्रामीणों ने मशीन को बीच रास्ते में ही रोक दिया है.

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वहीं, वन भूमि से मशीन गुजारने की नियम विरुद्ध अनुमति दिए जाने का आरोप लगाते हुए कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने जिला मुख्यालय गोपेश्वर स्थित प्रभागीय वनाधिकारी के कार्यालय पर प्रदर्शन किया. कांग्रेस के जिलाध्यक्ष विरेंद्र रावत का कहना है कि चमोली जिले में वन विभाग की संस्तुति न मिलने से दर्जनों से ज्यादा सड़कें लंबित पड़ी हुई हैं, लेकिन प्रदेश सरकार की शह पर वन विभाग की ओर से खनन कारोबारियों को संरक्षण दिया जा रहा है. जिसका कांग्रेस विरोध करती है.

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