चमोली: उत्तराखंड की सत्ता से त्रिवेंद्र सिंह रावत के इस्तीफे को कई लोग घाट आंदोलन से भी जोड़कर देख रहे हैं. साथ ही दिवालिखाल में घाट की महिलाओं पर हुए लाठीचार्ज के घटनाक्रम को भी सीएम से त्यागपत्र लिए जाने की वजह के रूप में देखा जा रहा है. वर्ष 2017 में सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने गोपेश्वर पुलिस मैदान से नंदप्रयाग घाट मोटरमार्ग को डेढ़ लेन सड़क चौड़ीकरण करने की घोषणा की थी. डेढ़ लेन सड़क को लेकर प्रथम चरण की वित्तीय स्वीकृति मिलने के बाद भी मांग पूरी न होते देख तीन महीनों से अभी तक क्षेत्र के लोग आंदोलनरत हैं.
बता दें कि नंदप्रयाग घाट सड़क को डेढ़ लेन चौड़ीकरण की मांग को लेकर 5 दिसंबर से घाट में स्थानीयों द्वारा आंदोलन शुरू किया गया था. 10 जनवरी को नंदप्रयाग से घाट तक क्षेत्रीय लोगों द्वारा 19 किलोमीटर लंबी मानव श्रृंखला बनाने के बाद भूख हड़ताल शुरू की गई थी. जो आज भी जारी है. आंदोलन के बीच में मांग को लेकर आंदोलनकारियों द्वारा घाट क्षेत्र में जनता रैली, तिरंगा रैली जैसी रैलियां आयोजित की गई थी, जिसमें क्षेत्र के हजारो लोग शामिल हुए थे.
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