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चमोली में इस बार हारेगा कोरोना, स्वास्थ्य विभाग कर रहा है मजबूत तैयारी

स्वास्थ्य विभाग ने कोरोना की तीसरी लहर के निपटने की तैयारियां शुरू कर दी हैं. स्वास्थ्य विभाग के गोपेश्वर स्थित सीतापुर नेत्र चिकित्सालय परिसर में मेडिकल किट तैयार की जा रही हैं. कोरोना केस बढ़ने पर किट का वितरण किया जाएगा.

Chamoli Health Department
Chamoli Health Department

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Published : Sep 10, 2021, 12:25 PM IST

चमोली:कोरोना की तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए चमोली में स्वास्थ्य विभाग ने एहतियातन तैयारियां शुरू कर दी हैं. स्वास्थ्य विभाग के गोपेश्वर स्थित सीतापुर नेत्र चिकित्सालय परिसर में मेडिकल किट तैयार की जा रही हैं. जनपद में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़ने पर गांव-गांव में दवा वितरित की जाएगी.

चमोली के मुख्य चिकित्साधिकारी केके अग्रवाल ने बताया कि कोरोना की तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग सभी तैयारियां मुकम्मल करने में जुटा है. जिला अस्पताल गोपेश्वर और सिमली में स्थित बेस अस्पताल में कोरोना वार्ड बनाये गए हैं. इसके साथ ही तैयारियों को लेकर जरूरी दवाओं के किट भी तैयार करवाये जा रहे हैं, ताकि कोरोना मरीजों तक समय से दवा पहुंच जाए.

स्वास्थ्य विभाग तैयार कर रहा कोरोना किट.

तीसरी लहर बच्चों के लिए खतरनाक:विशेषज्ञ डॉक्टरों के मुताबिक कोरोना की तीसरी लहर (Corona Third Wave) का बच्चों पर प्रभाव पड़ सकता है. इसके लिए प्रशासन तैयारी में जुट गया है. अब मौसम में लगातार बदलाव हो रहा है. जिसकी वजह से मौसमी बीमारियां (Seasonal Disease) भी बढ़ रही हैं. मौसमी बीमारी का भी खतरा बच्चों पर है. जिसकी वजह से अभिभावकों की चिंता बढ़ रही है. कोरोना और मौसमी बीमारियों से बच्चों को सुरक्षित रखने की जरूरत है.

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कई बच्चों में तेज बुखार की शिकायत देखी गई है. दवाइयों का असर होने में भी 7 से 8 दिन का समय लग जा रहा है. ऐसे में घबराहट कई बार परेशानी बढ़ा देती है. अगर अभिभावकों को लगता है कि उनके बच्चे संक्रमित हैं, तो तत्काल वह चिकित्सक की सलाह लें और बच्चों को पानी में भीगने बिल्कुल न दें.

बच्चों का रखें ध्यान:बच्चों को बुखार के लक्षण होने पर गर्म पानी का सेवन कराएं. बासी भोजन का सेवन बिल्कुल ना कराएं. बच्चों को बाहर का खाना बिल्कुल भी ना खिलाएं. बच्चों को इम्यूनिटी बढ़ाने वाले खाद्य पदार्थ नियमित रूप से दें. सर्दी, खांसी, बुखार होने पर तत्काल चिकित्सक की सलाह लें क्योंकि तेज बुखार बच्चों के लिए घातक हो सकता है.

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