चमोली: जोशीमठ-मलारी हाईवे पर सलधार का तप्त कुंड अब विलुप्ति की कगार पर पहुंच गया है. इस समय यहां पर बहुत कम गर्म पानी रह गया है. यदि इसके संरक्षण के लिए कोई ठोस पहल नहीं किया गया तो आने वाले समय में यह सिर्फ किस्से कहानियों तक में सिमट कर रह जाएगा.
जोशीमठ से मलारी बॉर्डर रोड पर 18 किलोमीटर की दूरी पर सलधार तप्त कुंड प्रकृति की देन है. इस प्राकृतिक स्त्रोत से हर मौसम में गर्म पानी मिलता रहता है. इस गर्म कुंड को देखने के लिए बड़ी दूर से सौलानी आते हैं. इसके साथ ही आसपास के ग्रामीण चावल की पोटली बनाकर कुंड में डाल देते हैं और कुछ ही देर में चावल बनकर तैयार हो जाता है. लेकिन, संरक्षण के आभाव में तप्त कुंड अब अस्तित्व खोता जा रहा है.
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