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अब जंगली जानवर फसलों को नहीं पहुंचा पाएंगे नुकसान, कारगर साबित हो रही लिंक फेंसिंग तकनीक - Chamoli Agriculture Department

हर साल किसानों की फसलों को जंगली जानवर नुकसान पहुंचाते हैं. जिससे किसानों को आर्थिकी की समस्या से गुजरना पड़ता है. लेकिन अब चेन लिंक फेंसिंग तकनीक कारगर साबित हो रही है.

Chain link fencing technology
कारगर साबित हो रही लिंक फेंसिंग तकनीक

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Published : Aug 5, 2021, 9:26 AM IST

चमोली:जंगली जानवरों से फसलों की सुरक्षा में चेन लिंक फेंसिंग तकनीक कारगर साबित हो रही है. चमोली में कृषि विभाग द्वारा नवाचार गतिविधियों के तहत चेन लिंक फेंसिंग को पायलेट प्रोजेक्ट के तौर पर प्रयोग किया गया. जिसके अब अच्छे परिणाम सामने आने लगे हैं.

प्रदेश के कई गांवों में जंगली जानवर फसलों को नुकसान पहुंचाकर किसानों को हर साल लाखों की चपत लगा देते हैं. जंगली जानवरों से कृषक हर रोज परेशान और चिंतित रहते हैं. चमोली में कृषकों की इस गंभीर समस्या को देखते हुए साल 2019-20 में कृषि विभाग के माध्यम से जिला योजना के अन्तर्गत नवाचार गतिविधियों के रूप में चेन लिंक फेंसिंग (घेरबाड़ तकनीक) अपनाई गई. न्याय पंचायत बैरांगना के सैकोट, कोटेश्वर तथा दुर्मी गांवों को इस कार्य हेतु पायलेट प्रोजेक्ट के रूप में चयनित कर प्रयोग किया गया है.

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मुख्य कृषि अधिकारी राम कुमार दोहरे ने बताया कि इन गांवों में जंगली जानवरों से सुरक्षा हेतु 17.94 लाख रुपए की लागत से 1200 मीटर लम्बाई में लगभग 10 हेक्टेयर कृषि क्षेत्रफल की चेन लिंक फेंसिंग की गई. साथ ही कृषि विभाग की आत्मा एवं पीकेवीआई योजना के अन्तर्गत कृषकों को तकनीकि सहयोग दिया गया. जिससे किसानों को प्रतिवर्ष 1.50 लाख से 2.00 लाख रुपये तक की आमदनी हो रही है.

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जंगली जानवरों से निजात दिलाने के लिए विभाग की इस पहल से किसान बेहद खुश हैं और नगदी फसलों के उत्पादन को लेकर खासे उत्साहित भी हैं. जानवरों से फसलों की सुरक्षा हेतु चेन लिंक फेंसिंग तकनीक टिकाऊ, सस्ती एवं क्षेत्र विशेष हेतु काफी सुविधाजनक है. जिसको देखते हुए किसानों द्वारा अब प्रमुखता से इसकी मांग की जाने लगी है.

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