चमोली:जंगली जानवरों से फसलों की सुरक्षा में चेन लिंक फेंसिंग तकनीक कारगर साबित हो रही है. चमोली में कृषि विभाग द्वारा नवाचार गतिविधियों के तहत चेन लिंक फेंसिंग को पायलेट प्रोजेक्ट के तौर पर प्रयोग किया गया. जिसके अब अच्छे परिणाम सामने आने लगे हैं.
प्रदेश के कई गांवों में जंगली जानवर फसलों को नुकसान पहुंचाकर किसानों को हर साल लाखों की चपत लगा देते हैं. जंगली जानवरों से कृषक हर रोज परेशान और चिंतित रहते हैं. चमोली में कृषकों की इस गंभीर समस्या को देखते हुए साल 2019-20 में कृषि विभाग के माध्यम से जिला योजना के अन्तर्गत नवाचार गतिविधियों के रूप में चेन लिंक फेंसिंग (घेरबाड़ तकनीक) अपनाई गई. न्याय पंचायत बैरांगना के सैकोट, कोटेश्वर तथा दुर्मी गांवों को इस कार्य हेतु पायलेट प्रोजेक्ट के रूप में चयनित कर प्रयोग किया गया है.
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