चमोली:जोशीमठ में हो रहे भू-धंसाव से घरों और होटलों में दरारें आ रही है. सुरक्षा के मद्देनजर प्रशासन इन असुरक्षित होटलों को ढहाने की कार्रवाई कर रहा है. जोशीमठ में माउंट व्यू और मलारी इन होटल को तोड़ने का काम जारी है. सीबीआरआई की टीम की मौजूदगी में दोनों होटलों को जेसीबी की मदद से ध्वस्त किया जा रहा.
जोशीमठ शहर में दरार वाले भवनों की संख्या लगातार बढ़ रही है. 14 और नये भवन इस सूची में जुड़ गए हैं. दरार वाले भवनों की संख्या बढ़कर अब 863 हो गई है. वहीं, 181 भवनों को पूरी तरह से असुरक्षित घोषित किया गया है. सचिव आपदा प्रबंधन डॉ रंजीत सिन्हा ने बताया कि प्रभावित किरायेदारों को भी 50 हजार रुपये की सहायता राशि सरकार की ओर से उपलब्ध कराई जा रही है. ताकि, घर खाली करने के बाद सामान ढुलाई में उनको मदद मिल सके.
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बारिश और बर्फबारी के बाद जेपी कॉलोनी में हो रहे भूजल रिसाव की गति भी बढ़ गई है. एक दिन पहले यहां 150 एलपीएम (लीटर प्रति मिनट) रिसाव हो रहा था, जो फिर से बढ़कर 250 एलपीएम दर्ज किया गया है. गौरतलब है कि जोशीमठ में हो भू धंसाव से पूरे शहर पर खतरा मंडरा रहा है. खतरे की जद में 800 से ज्यादा घर आ चुके हैं. प्रभावितों को दरार वाली घरों से हटा दिया गया है.
वहीं, सरकार की ओर से प्रभावितों का 1.50 लाख रुपए की आर्थिक मदद दी जा रही है. वहीं, जोशीमठ भू-धंसाव के पीछे का कारण पता लगाने के लिए विशेषज्ञ और वैज्ञानिकों की टीम जोशीमठ में सर्वे कर रही है. जबकि स्थानीय लोग जोशीमठ आपदा के लिए एनटीपीसी पावर प्रोजेक्ट के तहत बनाई जा रही सुरंग को मान रही है. हालांकि, एनटीपीसी इन आरोपों को बेबुनियाद बता रही है.