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BRO की मेहनत लाई रंग, भारत चीन सीमा को जोड़ने वाली वैली ब्रिज से आवाजाही शुरू - भारत चीन बॉर्डर तक सेना की आवाजाही

उत्तराखंड के चमोली में सामरिक दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण और नीती घाटी को जोड़ने वाला मलारी बुरांश वैली ब्रिज तैयार हो गया है. इतना ही नहीं इस ब्रिज से आवाजाही भी शुरू हो गई है. यह ब्रिज 16 अप्रैल को टूट गया था.

bailey bridge in Chamoli
वैली ब्रिज

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Published : Jun 2, 2023, 7:58 PM IST

चमोलीःआखिरकार भारत चीन सीमा और नीती व मलारी घाटी को जोड़ने वाले मलारी बुरांश वैली ब्रिज से आवाजाही शुरू हो गई है. सीमा सड़क संगठन के कर्मियों ने यह पुल तैयार किया है. वैली ब्रिज के तैयार होने के बाद बॉर्डर इलाकों पर बसे गांवों तक सफर आसान हो गया है. वहीं, सेना को भी आवाजाही में सहूलियत मिल गई है.

गौर हो कि बीती 16 अप्रैल को मलारी बुरांश वैली ब्रिज टूट गया था. यह ब्रिज उस वक्त टूटा, जब निर्माण सामग्री से लदा एक ट्रक इस वैली ब्रिज से गुजर रहा था. तभी पुल धराशायी होकर धौली गंगा में जा गिरा. यह पुल टूटने से नीती और मलारी घाटी का संपर्क मुख्य धारा से कट गया था. इसी पुल से ही भारत चीन सीमा ग्यालढूंग तक पहुंचा जा सकता था. ऐसे में पुल निर्माण की सख्त जरुरत थी.

सीमा सड़क संगठन ने तैयार किया पुल
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बता दें कि नीती बॉर्डर के गमशाली गांव में आईटीबीपी की छावनी भी मौजूद है. इसके आगे सेना की कई चेक पोस्ट भी हैं. हिमवीर और सेना के जवान छावनी के माध्यम से सरहदों की निगहबानी करते हैं. ऐसे में सामरिक दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण इस ब्रिज का बनना काफी अहम था.

मलारी बुरांश वैली ब्रिज से आवाजाही शुरू

वहीं, भारत चीन बॉर्डर तक सेना की आवाजाही जारी रखने के लिए बीआरओ ने धौली गंगा नदी पर काजवे का निर्माण किया, लेकिन बारिश में नदी का जलस्तर बढ़ने से आवाजाही नहीं हो पा रही थी. अब बीआरओ ने वैली ब्रिज तैयार कर लिया है. जिससे आवाजाही भी शुरू हो गई है.

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