थराली:पिछलेदिनों जम्मू-कश्मीर में 7 से 9 हजार फीट की ऊंचाई पर जवाहर लाल नेहरू माउंटेरिग इंस्टीट्यूट विंटर स्कूल और कश्मीर टूरिस्ट द्वारा आयोजित 11 किलोमीटर लंबी दौड़ में वाण गांव की भागीरथी ने पहला स्थान हासिल किया है. भागीरथी ने दौड़ को 1 घंटा 12 मिनट में पूरा कर जीत का परचम लहराया है. तमाम सुविधाओं का अभाव होने के बाद भी भागीरथी ने हार नहीं मानी और आगे बढ़ती रही.
तीन साल की उम्र में भागीरथी के सिर से उठा था पिता का साया:भागीरथी जब तीन वर्ष की थी तो, उनके पिता मोहन सिंह ने दुनिया को अलविदा कह दिया था. इसके बाद उन्होंने घर पर खेती-बाड़ी की और अपनी पढ़ाई को जारी रखते हुए एथलीट का मुकाम पाने के प्रयास में जुटी रहीं. भागीरथी ने राजकीय प्राथमिक विद्यालय में 1 से 5वीं तक और 6 से 12 कक्षा तक राइका वांण में पढ़ाई की.
भागीरथी ने 36 घंटों में दौड़ को किया था पूरा:इंटर की पढ़ाई के दौरान ही अंतरराष्ट्रीय एथलीट सुनील शर्मा, जब उत्तराखंड में खेलों के प्रति विशेष तौर पर दौड़ के प्रति रुचि रखने वाले युवक, युवतियों को पहचानने के उद्देश्य से वांण गांव पहुंचे थे. तभी उनकी मुलाकात भागीरथी से हुई. उन्होंने भागीरथी सहित गांव के अन्य युवक, युवतियों के साथ वांण से रूपकुंड और वापस वांण तक एक दौड़ आयोजित की. जिसे सुनील शर्मा और भागीरथी ने बिना रुके 36 घंटों में इस दौड़ को पूरा किया था.